साहित्य

निवस्त्र औरत, भीड़ खदेड़ रहीं हैं उसे चलचित्रों में,,,मगर झूठ हैं यह सब सरासर झूठ,,,

Dr. Kavita Arora
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इन दिनों
न्यूज़ चैनलों पर
शिद्दत से
दिखाई जा रही है
भीड़ से घिरी हुई
चलती
निवस्त्र औरत ,
भीड़
खदेड़ रहीं हैं
उसे
चलचित्रों में
निरन्तर जारी है
भीड़ का खदेड़ना ,
मगर
झूठ हैं
यह सब
सरासर झूठ ,
मुझे तो
कहीं नही दिख
रहीं
कोई निवस्त्र औरत
झूठ बक रहा है
मीडिया ,
सच यह हैं
जो दिन के
उजालो मे
सरेआम
दौड़ा रहें हैं
उसे
दरअसल
वो खुद ही
बेहद डरे हुवे हैं
इस निवस्त्र औरत से ,
इस भीड़ की
यह लानतें
इस औरत के
लिये
हरगिज़ नही
इनके
खुद के लिये हैं,
यह भीड़ खुद पर
शर्मिन्दा है
और धिक्कार रही है
अपने अपने भीतर के
घटिया
ग़लीज़
डरपोक
जात को ,
क्योंकि इस भीड़
को मालुम हैं
अपना
सदियों पुराना
भ्रामक खोखली
ताक़तों का सच
जिसे
बद क़िस्मती से
ये औरत भी
जान चुकी है ,
अब यह निवस्त्र
औरत औरत नही
नक़ाब है
इस भीड़ में शामिल
हर चेहरे का ,
जो ग़लती से
ज़रा सा भी
इधर उधर सरका
तो भीड़ को
नंगा कर देगा ,
इसी लिए कहीं
कोई
निवस्त्र औरत नहीं
चल रहीं
बल्कि इस
निवस्त्र औरत की
आड़ में
चल रहे हैं
इक भीड़ के
सैकड़ों
करोड़ों
लुके ढुके
नंगे सच ..Dr kavita