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निर्माता, आर्ट डिजाइनर, पेंटर और प्रोडक्शन डिज़ाइनर सुमित मिश्रा ने आत्महत्या की!

निर्माता, आर्ट डिजाइनर, पेंटर और प्रोडक्शन डिजाइनर सुमित मिश्रा नहीं रहे। सामने आई जानकारी के मुताबिक उन्होंने आत्महत्या की है। वे मणिकर्णिका फिल्म फेस्टिवल के जनक थे। सुमित मिश्रा के अचानक निधन से फैंस सदमे में हैं। सोशल मीडिया पर कयास लगाए जा रहे हैं कि वे शायद आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे।

सोशल मीडिया पर फैंस ने दी श्रद्धांजलि
सुमित मिश्रा के सोशल मीडिया अकाउंट को देखकर यह अंदाजा लगा पाना मुश्किल है कि वे किसी तरह की परेशानी में थे। वे किस तकलीफ में थे, उन्होंने किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी और दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके दोस्त सोशल मीडिया पोस्ट साझा कर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। Oma Akk नाम के एक यूजर ने लिखा, ‘मणिकर्णिका फिल्म फेस्टिवल के जनक और अनोखे फिल्मकार और चित्रकार सुमित जी हमारे बीच नहीं रहे’। Ridhiema Tiwari ने लिखा है, ‘काश एक बार पुकार लिया होता दोस्त’।

इस फिल्म से शुरू हुआ बतौर निर्देशक सफर
सुमित मिश्रा मूल रूप से बिहार के निवासी थे। वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के पुरातन छात्र थे। बतौर निर्देशक सुमित ने साल 2016 में फिल्म ‘अमृता एंड आई’ से शुरुआत की। साल 2020 में उन्होंने खिड़की बनाई। फिर 2022 में उन्होंने ‘अगम’ का निर्देशन किया। उन्होंने आहिस्ता आहिस्ता से बतौर आर्ट डायरेक्टर काम शुरू किया। इसके अलावा अलिफ , नागिन-3 , मधुबाला , नक्काश , वेक अप इंडिया कई प्रोजेक्ट्स में वे बतौर आर्ट डायरेक्टर जुड़े। इसके अलावा वे पेशेवर चित्रकार भी थे।

इस तरह आए मायानगरी
सुमित मिश्रा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। और इस चीज से वे आनंदित थे। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘मल्टी-टास्कर होने को मैं एंजॉय करता हूं’। करीब ढाई दशक पहले सुमित बतौर विजुअल आर्टिस्ट मायानगरी पहुंचे थे। कई आर्ट एग्जिबिशन लगाने के बाद उन्होंने प्रोडक्शन डिजाइनिंग में मौके तलाशे। साहित्य से प्रेम ने लेखन की तरफ दिलचस्पी बढ़ाई। अलग-अलग फील्ड में काम करने पर सुमित मिश्रा ने कहा था, ‘एक चीज दूसरे का ही विस्तार है। मैं किसी एक की वजह से, दूसरे को खत्म नहीं कर सकता। हकीकत तो यह है कि मुझे मल्टी-टास्कर होना अच्छा लगता है। मैं इसका आनंद लेता हूं’।

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