कनाडा में ख़ालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी के बाद एक बार फिर से दोनों देशों के बीच बयानबाज़ी जारी है.
कनाडा की विदेश मंत्री मेलनी जोली ने कहा है कि उनका देश अभी भी ‘भारतीय एजेंटों द्वारा कनाडा की धरती पर कनाडाई नागरिक की हत्या’ किए जाने वाले आरोपों पर कायम है.
वहीं, भारत के कनाडा में उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कहा है कि “भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नज़र डालना लक्ष्मण रेखा को पार करने जैसा है.”
मंगलवार को ही भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के माल्टन में नगर कीर्तन परेड के दौरान ख़ालिस्तान समर्थक झाकियां निकाले जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. भारत ने ये भी कहा कि वह कनाडा में रह रहे अपने राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है.
बीते सप्ताह कनाडा ने निज्जर की हत्या के मामले में तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था.
इन गिरफ़्तारियों पर बात करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था, “ये महत्वपूर्ण है क्योंकि कनाडा एक क़ानून सम्मत देश है. यहां मज़बूत और स्वतंत्र न्याय प्रणाली है और हम अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. ”
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेश में गिरफ़्तारियों के बाद कहा कि कनाडा उन लोगों को वीज़ा देता है जो भारत में वांटेड हैं.
बीते साल सितंबर में निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने संसद में दावा किया था कि उनके पास इस बात के पुख़्ता सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट इस हत्या में शामिल थे.
भारत ने कनाडा के इन आरोपों को ‘निराधार और बेतुका’ बताया था.
हालांकि, इसके बाद से ही भारत और कनाडा के बीच के रिश्ते काफ़ी तनावपूर्ण बने हुए हैं.
कनाडा की विदेश मंत्री ने क्या कहा?
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बयान पर उनकी कनाडाई समकक्ष मेलनी जोली से मंगलवार को सवाल किया गया.
उन्होंने कहा, “कनाडा का रुख़ हमेशा से स्पष्ट रहा है. हमारा कर्तव्य कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा करना है और हम अपने इस आरोप पर कायम हैं कि एक कनाडाई शख़्स की हत्या भारतीय एजेंटों ने कनाडा की ज़मीन पर की.”
जोली ने ये भी कहा कि रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) ने जाँच पूरी कर ली है और इस मामले में फ़िलहाल कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है.
भारत के साथ रिश्तों से जुड़े सवाल पर मेलनी जोली ने कहा, “कूटनीति हमेशा पर्दे के पीछे बेहतर होती है. कनाडा हमेशा अपने नागरिकों की सुरक्षा, अपनी संप्रभुता को बनाए रखने और क़ानून व्यवस्था क़ायम रखने के लिए प्रतिबद्ध है.”
कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त की ‘लक्ष्मण रेखा’ वाली टिप्पणी
वहीं, कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कोशिशें की जा रही हैं.
मॉन्ट्रियल काउंसिल ऑन फ़ॉरेन रिलेशंस के एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नज़र डालना लक्ष्मण रेखा को पार करने जैसा है.
ख़ालिस्तान का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कनाडा की धरती पर ऐसे मुद्दे फिर से उभर रहे हैं जो भारत की क्षेत्रीय अखंडता के लिए ख़तरा हैं.
संजय वर्मा ने कहा कि “इन सबके मूल में भारतीय चिंताओं के प्रति कम समझ होना है. द्विपक्षीय संबंधों में जब हम एक-दूसरे को दोस्त कहते हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि एक-दूसरे के दृष्टिकोण को समझें, चिंताओं को समझें. सांस्कृतिक विविधता को समझें. लेकिन दुर्भाग्य से कुछ मसले हैं और इसमें कुछ नया नहीं है, ये दशकों पुराने मसले हैं जो फिर से उभरे हैं. कोई विदेशी भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर बुरी नज़र डालेगा तो ये हमारे लिए लक्ष्मण रेखा पार करने जैसा है.”
उन्होंने कहा कि भारत का भाग्य विदेशी नहीं बल्कि भारतीय तय करेंगे. संजय वर्मा ने कहा, “अगर विदेशों में रह रहे भारतीय भारत का भाग्य तय करना चाहते हैं तो वे देश जाएं और वोट करें. भारत में हर पाँच साल में चुनाव होते हैं. राष्ट्रीय और राज्य दोनों ही स्तर पर.”
संजय वर्मा ने कहा कि कूटनीतिक स्तर पर दोनों देशों के बीच कई वार्ताएं हो रही हैं. हालांकि, ये सार्वजनिक नहीं हैं और इन वार्ताओं के ज़रिए दोनों पक्षों की समस्याओं के समाधान खोजने की कोशिश की जा रही है.
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि राजनीतिक संबंधों में खींचतान के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार अच्छा चल रहा है और ये लगातार बढ़ रहा है.
इससे पहले मंगलवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने कनाडा के माल्टन में नगर कीर्तन परेड के दौरान ख़ालिस्तान के समर्थन में झांकियां निकाले जाने पर भी प्रतिक्रिया दी थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ”जैसा कि आप जानते हैं कि कनाडा में अतिवादियों की ओर से हमारे राजनीतिक नेतृत्व के ख़िलाफ़ जैसी हिंसक छवियां (झांकियां) इस्तेमाल की जाती हैं, उसे लेकर हमने कई बार अपनी चिंताओं को मज़बूती से उठाया है.”
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक़, ”बीते साल एक झांकी में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या को दिखाया गया था. भारतीय राजनयिकों के ख़िलाफ़ पूरे कनाडा में धमकी भरे पोस्ट लगाए गए.”
रणधीर जायसवाल ने कहा, ”हिंसा का जश्न किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए. लोकतांत्रिक देशों को क़ानून का पालन करना चाहिए और अभिव्यक्ति की आज़ादी के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को डराने धमकाने नहीं देना चाहिए.”
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत कनाडा में मौजूद राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करता है कि कनाडाई सरकार ये सुनिश्चित करे कि ये लोग बिना किसी डर के अपनी ज़िम्मेदारियों को निभा पाएं.
संजय वर्मा ने कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों के साथ धोखेबाज़ी के मामलों का भी ज़िक्र किया.
उन्होंने कहा, “आज की तारीख़ में चार लाख से अधिक भारतीय छात्र कनाडा में हैं जो यहां की अर्थव्यवस्था में 18 अरब डॉलर के आसपास का योगदान देते हैं. जब ये छात्र भारत से यहां आते हैं तो बहुत से छात्र ग़रीब परिवार से होते हैं, उनके माता-पिता ज़मीन, खेत बेचकर उन्हें यहां भेजते हैं. जब इन छात्रों के साथ यहां के ‘अनैतिक शैक्षणिक संस्थान’ ठगी करते हैं तो इससे भारत में सनसनी फैलती है और ‘ब्रैंड कनाडा’ का नाम ख़राब होता है.”
एस. जयशंकर ने क्या कहा था?
निज्जर मामले में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ़्तारी के बाद बीते शनिवार विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ”संगठित अपराध से जुड़े पंजाब के लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है.”
जिन तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है उनमें 22 वर्षीय करण बराड़, 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह और 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह शामिल हैं. इन तीनों को मंगलवार को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए अदालत में पेश किया गया.
एस जयशंकर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. उसी दौरान उन्होंने कनाडा के मामले पर प्रतिक्रिया दी.
एस जयशंकर ने कहा, ”मैंने रिपोर्ट देखी है. पुलिस ने जांच में किसी को गिरफ़्तार किया होगा. लेकिन फ़ैक्ट ये है कि संगठित अपराध से जुड़े पंजाब के लोगों का कनाडा में स्वागत किया जाता है और उन्हें वीज़ा दिया जाता है.”
”आप उन्हें वीज़ा दे रहे हैं जो भारत में वांटेड हैं. कई तो झूठे दस्तावेज़ों के साथ आ रहे हैं. फिर भी आप उन्हें रहने की अनुमति दे रहे हैं. राजनीतिक फ़ायदे के लिए आप उन्हें रहने दे रहे हैं.”
”आपके वहां भी दिक़्क़त होगी. कुछ मामलों में दिक़्क़त हुई भी है. हमें क्यों डरना चाहिए. वहां कुछ होता है तो उन्हें सोचने की ज़रूरत है.”
एस जयशंकर ने कहा, ”अमेरिका में हमारे लिए समस्या नहीं है. हमारे लिए समस्या कनाडा में है.”
”कनाडा में जो पार्टी पावर में है उसने और विपक्ष ने चरमपंथ और हिंसा के समर्थकों को फ़्री स्पीच के नाम पर मान्यता दे रखी है.”