साहित्य

“नाजुक डोर…..!!पार्ट-3!!…By-लक्ष्मी कान्त पाण्डेय

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय
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“नाजुक डोर 3….
मोहन अंदर गया और वापस आते हुए अपना लेपटॉप ले आया….आओ सुधा …
तुम अपना मोबाइल लेकर यही मेरे पास बैठ जाओ…
सुधा मोहन की बात मानकर मोबाइल लिया आई…
सुधा ….अब अजीत से रोज की तरह चैटिंग करो
जी….मगर ….आप …मेरा मतलब वो
हां ….घबराओ मत ….तुम बस मेरा कहा मानो
सुधा ने वैसे ही किया ….और अजीत के साथ चेटिंग करनी शुरू कर दी तबतक मोहन लेपटॉप लेकर कुछ करने लगा …तकरीबन दस मिनट बाद उसने सुधा से कहा अजीत से कहो …तुम अपने घरवालों से अब दुखी हो चुकी हो कया वो तुमसे सच्चा प्यार करता है तो हम दोनो भाग चले ….
सुधा की समझ मे नहीं आ रहा था मोहन उससे आखिर ये सब कयो करवा रहा है ….अभी तक वो सिर्फ मुझसे प्यार करने की दुहाई देता था ….हूं ….लगता है मुझसे पीछा छुडाने को अब मोहनबाबू तैयार हो गए है ….खैर …चाहती तो मे भी यही हूं ….कोई कयुं रहे ओल्ड फैशनेबल इंसान के साथ ….
और वह अजीत से बातों में अपने मन का गुबार निकालने लगी ….उधर अजीत बोला ….डियर ….मुझे तुम्हारे साथ जिंदगी से बीतानी है मुझे भागने मे कोई ऐतराज नहीं ….हां मे तुमसे प्यार करता हूं पर भागकर कहीं जाने के लिए पैसों की जरूरत होती है जो फिलहाल मेरे पास नहीं है….
इससे पहले सुधा कुछ लिखे मोहन बोला…. बोलो चार पांच लाख तो है उससे शुरुआत करेंगे नयी जिंदगी की…
उधर से जबाब आया….वाह….मगर तुम्हारे पास कुछ जेवर वगैरह भी तो होगे ….अपने पापा के क्रेडिट कार्ड वगैरह ….सब ले लेना ….
सुधा ने मोहन की ओर देखा ….मोहन ने कहा… उससे कहो …अच्छा ठीक है कुछ और भी है शायद पैसे…. ओह लगता है कोई आ गया है बाहर थोड़ी देर में बात करेंगे ….
उधर से अजीत बोला….ओके ….पर जल्दी …तुम्हारे बिना मुझे चैन नहीं आएगा रातभर …ओके लव यू जानू
आज पहली बार अजीत ने लव यू जानू जैसी बातें की थी वरना अबतक सिर्फ आप से प्यार हो गया है आप मिलो तो जैसी बातचीत होती थी….
सुधा ने मोहन की ओर देखकर कहा…. आपने ऐसा कयुं लिखवाया ….मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा
मोहन हंसा और लेपटॉप की स्कीन पर इशारे करते हुए बोला …अब देखो …
तुम्हारे अजीत को ….यहां पर …..
सुधा ने देखा मोहन ने फेक आइटी बनाई एक खूबसूरत लडकी की पिक्चर लगाकर नाम रखा काव्या ….
और अजीत को सर्च करके फ्रेंड रिकवेस्ट भेज दी ….
तुरंत वहां से रिकवेस्ट एक्सेप्ट हो गई
हैलो जी
हैलो
आप बहुत खूबसूरत है
जी थैंक्स… वैसे आप बहुत हेंडसम है बिल्कुल सलमान के जैसे
अच्छा…. थैंक्स…..
हां….आप बहुत अच्छी रोमांटिक शायरी करते है पोस्ट पर देखी …आपकी है या चोरी की
हां …हां….जी बंदे का टेलेंट है बाकी आप को पेश करता हूं आप बताइएगा…. कहकर एक जोरदार शायरी भेजी…
वाह….
थैंक्स….
अच्छा आप शादीशुदा है या
अजी कहा ….अबतक बैचलर है ….कोई मिली ही नहीं आप जैसी खूबसूरत
कया ….मे खूबसूरत ….अरे नहीं ….आप तो ….
नहीं सचमुच ….आप का कोई ब्यायफ्रेंड ….
नहीं ….ऐक्चुली …..आप जैसे लडको को मेरे जैसी लडकीयां कहा पसंद होती हैं ….
कया…. यार तुम जैसी लडकी मिल जाए तो जिंदगी गुलजार हो जाएगी….
मिले कहीं ….
मिल तो सकते है पर ….
पर कया ….
एक्चुअली मेरे पापा …..यार वो थोड़े रुड टाइप है ….यार लाखों का बिजनेस है उनका …वो अपनी पसंद के लडके के साथ ….यू नो ….वहीं राग ….शरीफ लडका वगैरह
यार मुझे एकदम हीरो टाइप लडके पसंद है ….आप जैसे….
अच्छा जी …..देखो ….मे तो कहता हूं ….शादी अपनी मर्ज़ी से करनी चाहिए ..
हां …..अच्छा आप कहां रहते हो
यही प्रेम कालोनी मे
कया प्रेम कालोनी …….वाओ….वहां हमारे चार बंगले है आप का बंगला नम्बर ….
नहीं ….आप गलत समझी ….एक्चुअली मे तो मुम्बई से हूं वो पापा से बनती नहीं तो यहां एक दोस्त के घरपर रहता हूं
अरे कोई नही ….मगर बंगला नम्बर तो बताइए ….मिलते हैं ना….
नहीं यार ….वो….दोस्त का बंगला है वहां के लोगों मे यू ही ….मतलब …..यू नो ….लोगों का काम आग लगाने जैसा होता है किसी होटल में मिलते है ना
होटल…. मेरे पास यहां के सभी होटलों की मेम्बरशिप है बताओ ….कहा मिले ….
एक मिनट ….शायद नेटवर्क प्रोब्लम ….
डिस्कनेक्ट …..
देखो अब …..मोहन सुधा से बोला…. ये अजीत जैसे लडके सिर्फ लडकियों को फंसाकर उनसे पहले पैसे लुटते है और कुछ समय तक उनके साथ शाररिक रिश्ते बनाकर उनका शोषण करते है फिर या उन्हें बेच देते है या छोडकर धोखा देकर पैसा लेकर फरार हो जाते है ….
अब तुम फिर से अजीत से कहो ….पैसा और जेवर मिल गया है बस तुम भागने को तैयार हो ….मगर पहले तुम्हें उसका घरबार देखना है
सुधा ने दुबारा चेटिंग की ओर मोहन की कहीं बातें अजीत के आगे दोहरा दी
अरे…. यहां का घर देखकर कया करोगी ….वैसे भी हमें भागना है तो हम कहीं और चलेंगे वही नयी दुनिया बसाऐगे ….
कहा जाऐंगे
मुम्बई
सुधा कहो…वहां तो तुम्हारे अंकल रहते है जो पुलिस मे है पकडे जाऐंगे… सुधा ने वैसा ही किया…
अंकल….पुलिस मे है….तो कलकत्ता चले…
ओके ….वहां मेरी दोस्त और उसकी फैमिली है वही पहले शादी करेंगे फिर वहीं उनके पास रहेंगे वाह मजा आएगा
सहेली…..नहीं यार ….ऐसे कैसे ….मतलब ….हम होटल में रहेंगे ना….
और शादी….यार चार लोगों के बीच शादी भी तो जरूरी है ना….
यार ….शादी तो यही हो जाएगी ….मतलब ….वहां …हम एकदूसरे के हो जाऐंगे और ऐसे दो से तीन मतलब यार तबतो तुम्हारे मम्मी पापा को मानना पड़ेगा ही कयो ….
अजीत….लगता है पापा आ गए बाद मे बातचीत करेंगे …
सुधा ने फोन बंद किया ….और रोने लगी…..
कया हुआ …..यही तो कड़वा सच है इस मनोहर दुनिया का….ये सपनों की दुनिया है यहां दिखावटी सपने दिखाकर ही तो बेवकूफ बनाया जाता है ….और खुद को ऐसी दुनिया में देखने की चाहत ऐसा सच होते देखने की लालसा ….एक फितूर बनकर सिरपर नाचता रहता है ….सुधा ….ऐसे ही बचकानी हरकतों से जाने कितनी लडकियां अपने आप को बरबादी के उस मोड पर ले जाती है जहां सिर्फ और सिर्फ अंधकार होता है ….स्वयं को दोष देते हुए बाकी जिंदगी भी बरबाद कर लेती है….
सुधा ….हमारे माता पिता बचपन से हमें हमारे भले के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हैं मगर हम बडे होकर नादानी मे इस कल्पनाओं की मनोहर दुनिया के फितूर मे उनके किए प्यार और समर्पित जीवन को भूल जाते है और ऐसे नादानी भरे कदम उठा लेते हैं ….अब सोचो …कया तुम ऐसे इंसान संग खुश रहोगी जो सिर्फ तुम्हारे पैसे तुम्हारे शरीर के लिए तुमसे जुडना चाहता हो ….कल यदि वो तुम्हें….
बस …..बस कीजिए ….मोहन जी ….मुझे माफ कर दीजिए मुझे माफ कर दीजिए….. मे सचमुच बहुत बडी भूल करने जा रही थी अपनी हंसती खेलती दुनिया को छोड …अपने अच्छे जीवनसाथी अच्छे पति अच्छे दोस्त को छोडकर एक पागलपन के फितूर मे …..छी….अपनी नन्ही सी आराध्या के बारे मे भी नहीं सोचा मैंने कितनी सेलफिश हूं मे ….कहकर रोने लगी ….
उठो सुधा …..सुबह के सात बज चुके है ….मुझे दस बजे तक का समय दिया था तुमने …..फैसला करने के लिए अभी भी तीन घंटे है तुम्हारे पास…..
नहीं चाहिए ….मुझे कोई तीन घंटे ….मे जान चुकी हूं कया अनमोल धरोहर मे खो रही थी मे …..आप आराध्या ….यही है मेरी अनमोल धरोहर ….आप जैसे है अच्छे हैं कोई छल कपट तो नहीं है ना आप मे ….मेरे सिर से इस कल्पनाओं की दुनिया का फितूर उतर चुका है
मोहनजी….. मुझे माफ …..कहकर मोहन के पैरों में दुबारा गिर गई …..
मोहन ने सुधा को उठाकर सीने से लगा लिया…..!!
समाप्त.