सेहत

नवजात अवस्था के बाद मनुष्य को छोड़ कर दूसरा कोई प्राणी दूसरे प्राणी का दूध नहीं पीता : क्या मांस खाने वालों के लिए दूध पीना ज़रूरी है?

टेलीविजन समेत कई मीडिया प्लेटफॉर्मों पर इन दिनों दूध पीने के फ़ायदे गिनाते विज्ञापनों की भरमार है.

ऐसे विज्ञापन अक्सर दिखते हैं, ”हमारी कंपनी की बिस्कुट में ज्यादा दूध है. अगर आप हमारी कंपनी का दूध या इससे बना प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं तो आपके बच्चे ‘चैंपियन’ बन सकेंगे.’’

भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ साल 2022-23 में यहां 23 करोड़ टन से भी ज्यादा दूध का उत्पादन हुआ था.

भारतीय समाज में ये प्रचलित मान्यता है कि मानव शरीर के लिए दूध बहुत जरूरी है और ये सेहतमंद पेय है. कई लोगोंं को रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध पीने की आदत होती है.

लेकिन ये भी सच है कि नवजात अवस्था के बाद मनुष्य को छोड़ कर दूसरा कोई प्राणी दूसरे प्राणी का दूध नहीं पीता है.

क्या दूध ऐसी चीज है, जिसे हर कोई, हर दिन पी सकता है?

दूध में किस तरह के पोषक तत्व होते हैं? हर रोज कितना दूध पीना सेहत के लिए अच्छा है? और दूध किसे नहीं पीना चाहिए?

इन्हीं सब सवालों के जवाब इस रिपोर्ट में तलाशने की कोशिश की गई है.

क्या मांस खाने वालों के लिए दूध पीना जरूरी है?
शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण विशेषज्ञ अरुण कुमार का कहना है कि दूध में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा काफी ज्यादा होती है लेकिन अगर कोई व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में मांसाहारी भोजन करता है तो उसके लिए दूध पीना अनिवार्य नहीं है.

डॉ. अरुण कुमार कहते हैं, ”नवपाषाण काल में लोगों में कई किस्म की पोषण संबंधी कमियां थीं. इसलिए हो सकता है लोगों ने दूध देने वाले पशुओं को पालना शुरू किया होगा. दूध पीने की परंपरा इसलिए बढ़ी कि उस समय पोषण के लिए कृषि उत्पादों पर भरोसा करना संभव नहीं था. मानव समाज में दूध पीने की आदत पिछले दस हजार साल से चली आ रही है. अब हमारे आहार में काफी सुधार हो चुका है. अगर हम सही तरीके से भोजन लें तो शायद दूध की जरूरत न पड़े.”

दूध में कौन से पोषक तत्व होते हैं?
सबसे ज्यादा लोग गाय का दूध पीते हैं. इसके बाद भैंस का दूध इस्तेमाल होता है. कैलोरी के हिसाब से देखें तो एक सौ ग्राम दूध में 67 कैलोरी होती है. लेकिन भैंस के इतने ही दूध में 117 कैलोरी.

यही वजह है कि भैंस का दूध लगातार पीने से वजन बढ़ता है.

अरुण कुमार के मुताबिक, ”एक सौ ग्राम गाय के दूध में 120 मिलीग्राम कैल्शियम होता है, जबकि भैंस के इतने ही दूध में 210 ग्राम कैल्शियम होता है. जहां तक प्रोटीन का सवाल है तो 100 ग्राम गाय के दूध में 3.2 ग्राम प्रोटीन होता है, वहीं 100 ग्राम भैंस के दूध में 4.3 ग्राम प्रोटीन होता है, लेकिन ये एक केसिन प्रोटीन होता है. इसका मतलब ये प्रोटीन पचता नहीं है. यही वजह है कि अगर आपकी आंत में लेक्टिज एंजाइम नहीं है तो शारीरिक दिक्कतें हो सकती हैं.”

इसी तरह जहां तक वसा का सवाल है तो गाय के 100 ग्राम दूध में 4.1 ग्राम और भैंस के दूध में 6.5 ग्राम वसा होती है.

किसे दूध पीना चाहिए?
डॉ. अरुण कुमार का कहना है कि पहले सिर्फ मां का दूध पीने वाले बच्चों में लेक्टिज एंजाइम होता था, लेकिन रोजाना दूध पीने की आदत डाल लेने के बाद मानव शरीर में परिवर्तन हो गए. इसलिए वयस्कों को दूध नहीं पीना चाहिए.

वो कहते हैं, ”दूध का संबंध पाचन से है. कुछ लोग बगैर किसी अपच के सामान्य तौर पर एक लीटर दूध पी जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों को आधे गिलास दूध से ही गैस, सीने में जलन और डायरिया हो सकता है. ऐसे लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए.”

वे कहते हैं, “चूंकि दूध में कई पोषक तत्व होते हैं इसलिए बच्चों को दूध देना चाहिए, लेकिन इससे उनका वजन बढ़ने लगता है. इसलिए बच्चों को सिर्फ दूध ही नहीं देना चाहिए. कुछ बच्चे दूध की वजह से दूसरा भोजन नहीं लेते हैं.”

हर रोज कितना दूध पीना चाहिए
कुछ साल पहले “दूध क्रिकेटर महेंद्र धोनी का फेवरेट ड्रिंक हुआ करता था. दूध पीकर धोनी बड़ी आसानी से हेलीकॉप्टर शॉट मारा करते थे.”

इंटरनेट पर ये बात तेजी से वायरल हुई थी कि वो हर दिन चार लीटर दूध पीते हैं. धोनी ने इस पर कहा था कि वो हर दिन एक लीटर दूध पीते हैं.

पोषण विशेषज्ञ धारिणी कृष्णन कहती हैं, ”हर कोई हर दिन एक लीटर दूध भी नहीं पी सकता. हो सकता है कि धोनी इसलिए एक लीटर दूध पचाने की क्षमता रखते हैं क्योंकि वो काफी व्यायाम करते हैं, लेकिन एक स्वस्थ व्यक्ति 400 मिलीलीटर दूध या 400 ग्राम दही ले सकता है.”

क्या मीठा दूध पीना चाहिए?
होम्योपैथ डॉक्टर श्रवण कुमार कहते हैं, ”हर दिन 400 मिलीलीटर दूध लेना ठीक रहता है, 200 मिली सुबह और 200 मिली. शाम को, लेकिन चीनी मिला दूध पीने से परहेज करना चाहिए. चूंकि दूध में पहले से ही पर्याप्त कैलोरी होती है.

वो कहते हैं, ”अगर किसी को अल्सर या लेक्टोज एलर्जी है तो उसे दूध पीने से परहेज करना चाहिए. अगर किसी को अपच की शिकायत है तो उसे दूध नहीं पीना चाहिए”

डॉक्टर श्रवण कुमार कहते हैं, “अगर कैल्शियम के लिए दूध की जगह कोई और विकल्प आजमाना चाहते हैं और मांसाहारी हैं तो पाये का सूप पी सकते हैं”

श्रवण कुमार कहते हैं, “अंडे का सफेद हिस्सा भी कैल्शियम दे सकता है. घी, मक्खन, मूंगफली, हरी सब्जियां भी कैल्शियम देती हैं.”

कौन सा दूध बेहतर है ए1 या ए2
क्या स्थानीय गायों का ए2 किस्म का दूध प्रोटीन से भरा होता है और विदेशी नस्लों की गायों का ए1 किस्म का दूध कई बीमारियों को जन्म देता है?

अरुण कुमार कहते हैं कि इस बारे में दुनिया भर में कई रिसर्च हुई हैं. दोनों किस्मों के दूध के प्रोटीन की बनावट में कुछ अंतर होता है लेकिन इस बात के पुख़्ता सुबूत नहीं है कि ए1 दूध मानव शरीर के लिए नुकसानदेह है.

वे कहते हैं कि भैंस का दूध सौ फीसदी ए2 किस्म का होता है. विदेशी नस्ल की जर्सी गाय भी ए2 किस्म का दूध देती हैं.

धारिणी कृष्णन कहती हैं, ”ए1 और ए2 पर रिसर्च करने की जरूरत नहीं है. अच्छी साफ-सुथरी जगह से दूध लेकर पीना पर्याप्त है.”

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सिराज
पदनाम,बीबीसी तमिल