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काश! कोई होता,,,व्यभिचार और परस्त्रीगमन आपकी आत्मा, जीवन और शरीर को नष्ट कर देंगे!
Rajendra Yadav =============== काश! कोई होता,,, ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, सपनों के हाथ में खंजर,,फिर उन सपनों का आपस में द्वंद्व,,,बस इतनी सी जिंदगी है,,शरीर तो फिर भी शरीर ही है,,,बचपन से आज तक संघर्ष ही संघर्ष झेला उसने,,,बाप मर गया,,बाप मरने के लिए ही था,,, दुःखी हुआ ,,निराश हुआ,,बेसहारा हुआ,,भगवान से रोया गिड़गिड़ाया,,कई बार तो मरने को […]
क्या आप अपने बच्चे की सबसे बड़ी भलाई चाहते हैं?
नीतिवचन 13:24 जो बेटे पर छड़ी नहीं चलाता वह उसका बैरी है, परन्तु जो उस से प्रेम रखता, वह समय पर उसको ताड़ना देता है। जो माता-पिता प्रेम रखने वाले होते हैं वे अपने बच्चों को ताड़ना देते हैं। वे इसकी शुरुआत बच्चों के बाल-अवस्था में ही करते हैं और अपने इस अनुशासन से पीछे […]
कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे….बेहद लोकप्रिय कवि, गीतकार गोपालदास ”नीरज” : विशेष
गीतकार नीरज (गोपालदास सक्सेना) कवि सम्मेलनों के बेहद लोकप्रिय कवि रहे हैं। उनकी कविता ‘ कारवाँ गुज़र गया ग़ुबार देखते रहे ‘ रेडियो ( आकाशवाणी , लखनऊ ) तथा कवि सम्मेलन में बड़े चाव और उत्साह से सुनी जाती थी । ‘ धर्मयुग ‘ पत्रिका में यह लम्बी कविता पूरे एक पृष्ठ पर प्रकाशित हुयी […]