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देखिए रोहिंग्या शरणार्थियों के लिये सऊदी अरब ने किया बड़ा ऐलान-खोल दिया अपना खज़ाना

नई दिल्ली: वर्ष 2017 में सबसे बड़ी त्रासदी या मानव नरसंहार जिसे कहा जाये वो म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों का क़त्लेआम था,जिसमें म्यांमार सरकार भी शामिल थी,दुनिया ने ज़ुल्म और अत्याचार को देखा था कि कैसे रोहिंग्या मुसलमानों को ज़िंदा जलाया गया और टुकटे टुकटे करे गए, लाखों की संख्या में रोहिंग्या म्यांमार से दूसरे देशों जाकर शरण लिये हुए हैं।

रोहिंग्या मुसलमानों को इस समय सबसे ज़्यादा सहायता और मदद की ज़रूरत है ,ऐसे ही बशार उल असद की सेना ने सीरिया में घोता शहर में हज़ारों निर्दोषों को गोली बम और रासायनिक हथियारों से क़त्ल कर दिया है और लाखों की संख्या में बेघर होगए हैं।

किंग सलमान मानवतावादी सहायता और राहत केंद्र (केएसआरिलिफ) ने सोमवार को सिरियन और रोहिंग्या लोगों के लिए मानवीय सहायता परियोजनाओं के लिए 4,657,595 डॉलर के सात कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए है.

पांच सीरियाई शहरों में सीरियाई लोगों के लिए और तुर्की में सीरियाई शरणार्थियों के लिए विभिन्न मानवतावादी और राहत परियोजनाएं करने के लिए पांच अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) हैं.।

म्यांमार में विस्थापित रोहिंग्या लोगों और बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए दो परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए दो कॉन्ट्रैक्ट हैं. सऊदी ने यह मदद रोहिंग्याओं के बिगड़ते हालातों को देखते हुए यह बड़ा फैसला लिया है।

सऊदी गेजेट के मुताबिक, हस्ताक्षर समारोह के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में, रॉयल कोर्ट के सलाहकार और किंग सलमान मानवतावादी सहायता और राहत केंद्र के पर्यवेक्षक जनरल डॉ अब्दुल्लाह अल-रबीया ने कहा कि परियोजनाएं पूरी दुनिया में मानव दुखों को कम करने में सऊदी के प्रयासों को प्रतिबिंबित करने के लिए दर्शाती हैं इस्लाम की शिक्षाओं से प्राप्त इसका महान मिशन है.

इस साल की शुरुआत में, सऊदी अरब ने खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अस्पताल के संचालन के लिए कई सीरियाई शहरों में सीरियाई लोगों के लिए विभिन्न मानवतावादी और राहत परियोजनाओं को लागू करने के लिए 18.3 मिलियन डॉलर के 12 अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए, साथ ही साथ शिक्षा, संरक्षण, कृषि, आश्रय में सामुदायिक समर्थन और बेहतर आजीविका के लिए भी मदद की.

अप्रैल के शुरुआत में सऊदी अरब ने बांग्लादेश में कॉक्स बाजार क्षेत्र में 83,000 रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए आश्रय प्रदान करने के लिए शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) के कार्यालय के साथ एक परियोजना पर हस्ताक्षर किए. सऊदी हर तरह से रोहिंग्या मुसल्मानोंकी मदद कर रहा है.

फरवरी में, अल-रबीया ने रियाद अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी मंच के दौरान अंतर्राष्ट्रीय संगठन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) के साथ दो परियोजनाओं पर हस्ताक्षर किए थे. जिसमें रोहिंग्याओं की बड़ी मदद की गयी थी.