धर्म

दुनिया और आख़िरत अल्लाह की नज़र में

Farooque Rasheed Farooquee
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. दुनिया और आख़िरत अल्लाह की नज़र में
“अच्छी तरह जान लो कि अल्लाह ज़मीन को उसकी मौत के बाद ज़िन्दगी देता है, हमने तुम्हारे सामने निशानियाॅं बयान कर दी हैं, ताकि तुम समझो। बेशक सद्क़ा देने वाले मर्द और सद्क़ा देने वाली औरतें और जिन्होंने अल्लाह को अच्छा क़र्ज़ दिया, उनको कई गुना बढ़ाकर दिया जाएगा और उनके लिए बेहतर बदला है। और जो लोग अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान ले आए, वही लोग अपने रब के नज़दीक सच्चे और गवाही देने वाले हैं। उनके लिए उनका अज्र और उनका नूर होगा। और जिन लोगों ने कुफ़र् किया और हमारी आयतों को झुठलाया है, वो लोग जहन्नमी हैं।”

“अच्छी तरह जान लो कि दुनिया की ज़िन्दगी तो एक खेल और तमाशा है, और दिखावे की सजावट और तुम्हारा एक-दूसरे पर घमंड जताना और माल और औलाद में एक-दूसरे से बढ़ जाने की कोशिश करना है। इसकी मिसाल ऐसी है जैसे बारिश, के उससे पैदा होने वाली फ़सल किसानों को अच्छी मालूम होती है, फिर वो पक जाती है और तुम देखते हो के वो पीली पड़ गई। फिर वो फ़सल चूरा-चूरा हो जाती है। और आख़िरत में तो सख़्त अज़ाब है और (या फिर) अल्लाह की मग़फ़िरत और उसकी रज़ामंदी है। और दुनिया की ज़िन्दगी धोके के सामान के सिवा कुछ भी नहीं। तुम अपने रब की मग़फ़िरत और जन्नत की तरफ़ एक-दूसरे से आगे बढ़ने की कोशिश करो जिसका फैलाव आसमान और ज़मीन जैसा है। वह (जन्नत) उन लोगों के लिए तैयार की गई है जो अल्लाह और उसके रसूल पर ईमान लाए। यह अल्लाह का फ़ज़्ल है जिसे चाहता है देता है और अल्लाह बड़े फ़ज़्ल वाला है।”
(सूरै हदीद 57 — आयत 17 – 21)
तर्जुमा – फ़ारूक़ रशीद फ़ारूक़ी