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दुनियाभर में रोज़ काटे जाते हैं क़रीब 4 करोड पेड़ : कुशलगढ़ ज़िला बांसवाड़ा राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की विशेष रिपोर्ट!

दुनिया भर में रोज काटे जाते हैं, क़रीब 4 करोड पेड़, 5 अरब टन कार्बन डाइऑक्साइड वायुमंडल में बढ़ जाती है वनों के नष्ट होने से, फिर भी हम पेड़ लगाने में नहीं देते दिलचस्पी, आज का आम इंसान इतना स्वार्थी हो गया की वो अपने स्वयं के लिए दिन रात एक कर अपना कारोबार कर धन कमा रहा है पर इंसान प्रकृति के प्रती इतना लापरवाह बनता जा रहा है व स्वार्थी बनता जा रहा है कि पेड़ पौधों को लगाना तो दूर दिनों दिन कटते पेड़ों पर ध्यान नहीं देना सबसे बड़ा चिंता का विषय है,एक गीतकार ने गीत में सही लिखा की जिते भी लकड़ी मरते भी लकड़ी देख तमाशा लकड़ी का, हमारे ऋषि मुनियों ने घनघोर जंगलों में घोर तपस्याएं की वेदों पुराणों ग्रन्थों में भी पेड़ पौधों को ज़रुरी बताया है, इंसान हो या जानवर या फिर पेड़ पौधे सभी सजीव व हमारे सार्थी है विश्व बैंक के अनुसार अनुमान है कि 20 सदी की शुरुआत से अब तक करोड़ों पेड़ काटे जा चुके हैं, मनूष्य पूथ्वी पर पहले ही मौजूद लगभग 46/प्रतिशत पेड़ों को नष्ट कर चुका है, सिर्फ 25साल पहले से लगभग जंगल 50 लाख वर्ग मील तक सिकुड़ ने के कगार पर चलें गए हैं,जो दक्षिण अफ्रीका के आकार से बड़ा क्षेत्र है, दुनिया में अब केवल और केवल 36फिसदी वर्षावन ही बचें है, अब पूथ्वी के 4,06 अरब हेक्टेयर यानी सिर्फ 31 फीसदी से अम क्षेत्र में जंग बचें है, इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दुनिया भर में रोज लगभग 4 करोड पेड़ काटे जा रहे हैं,यह संख्या बड भी रही है, दुनिया में अब 3ट्रिलियन पेड़ बचे हैं,जो मौजूदा सन 2024 वैश्विक जन संख्या के आंकड़ों के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति के लिए 376हे, वैश्विक वनों की कटाई की दर पर ग़ौर करे तों कटाई दर 0,06 फीसदी प्रती वर्ष है,हम आपको बता दें कि पिछले दो दशकों की तुलना में यह धीमा होता चला गया है,एक अनुमान अनुसार भारत में प्रती व्यक्ति पैडो की संख्या 28के आस पास हे, वहीं दुनिया में 3,50 करोड लोग जंगलों से सिधा रोजगार ले रहे हैं, वहीं भारत में करीब 35 अरब पेड़ एक अनुमान अनुसार है यदि समय रहते हमने पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया तो हमें अंत में पछताना ही पड़ेगा इसलिए पेड़ों को लगाना उनकी सुरक्षा करना हमारा कर्तव्य व बड़ा धर्म है आओ मिलकर पेड़ लगाए पर्यावरण को स्वच्छ बनाए