Ansar Imran SR
@ansarimransr
दीनी रहनुमा…. राजनेता…. सेकुलर झंडवाहक….!!!
भयंकर कंफ्यूजन है रे बाबा ……!
पहले महमूद मदनी, फिर तौकीर रजा, उसके बाद असगर अली और अब पेश खिदमत है मौलाना सज्जाद नौमानी।
अब पता नहीं नेतागिरी का कौन सा कीड़ा है जो अपने कथित रहनुमाओं से बलंडर नहीं भयंकर कांड करवा रहा है.
अब किसको समर्थन देना है किसका लेना ये ऐसा चक्रव्यूह है जिसमें बड़े बड़े दीनी रहनुमा अपनी भद्द पिटवा चुके है बस इस बार बारी थी मौलाना सज्जाद नौमानी की।
भैया बताओ अब राजनीति या कुर्सी का इतना ही मोह है तो सीधे मैदान में आ जाये चुनाव लड़े जीते और अपना समर्थन भी भंडारे की तरह बांटते रहे मगर नहीं इनको पर्दे के पीछे से छेछालेदर करवाना है।
अब बताओ इज्तमा में वो बड़ी बड़ी इत्तेहाद की बातें और युवाओं को फलाने ढिमकाने का वास्ता देते हुए एकजुट होने की बातें करेंगे मगर हकीकत में बाबरी मस्जिद को शहीद करने वालों को समर्थन का ऐलान भी करेंगे।
अब कोई कह दे कि कौम के साथ ये गद्दारी क्यों तो फ़ौरन अपने दीनी रहनुमा के चोले के पीछे छुप जायेंगे। कहेंगे अरे मेरे कहने का ये मतलब नहीं था वो मतलब नहीं था बला बला……!
चलो माना AIMIM बंटवारे वाली पार्टी है मगर आपकी मुहब्बत वाली पार्टी तब किधर थी जब मुसलमानों के नबी की शान में गुस्ताखी हो रही थी।
मुसलमानों की मोब लिंचिंग और मुस्लिम विरोधी नफरती बयानों के खिलाफ आपके चहेते ये सेकुलर पार्टियों के नेता किस गुफा में घुस जाते है जो इनका अता पता ही नहीं चलता है।
अभी कुछ दिन पहले ही अपने वीडियो बना कर अपनी इन चहेती लिब्बू पार्टियों से मांग कर रहे थे कि मुसलमानों को उनकी आबादी के हिसाब से टिकट बंटवारे में हिस्सा दिया जाये मगर उन्होंने आपकी उस गुजारिश की बत्ती बना कर कहीं विसर्जित कर दी है।
देखिये आखिरी बात राजनीति का बहुत शौक है या फिर लोकसभा राज्यसभा जाने का दिल हो रहा है तो खुल का मैदान में आ जाये तो बेहतर है। ये फर्जी कौम की ठेकदारी के आड़ में कौम का सौदा अब बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।