नई दिल्ली: मीडिया का स्तर दिन पर दिन गिरता जारहा है,जिसके कारण मीडिया पर उंगलियाँ उठने लगी हैं और आरोप लगाये जाने लगे हैं,मीडिया समाज को आईना दिखाने का काम करती थी अब वो ही मीडिया किसी एक पार्टी की प्रवक्ता बनकर रह गई है,इस क्रम में सभी मीडिया संस्थान तो नही हैं लेकिन जो हैं उन्होंने सबको बदनाम ज़रूर करा दिया है।
कैराना लोकसभा पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है,लेकिन ज़ी न्यूज़ ने वोटिंग वाले दिन वोट ड़ालने बुर्क़ा पहनकर आई महिलाओं के बुर्के को तालिबानी बता दिया था,और सुधीर चौधरी ने एक विशेष कार्यक्रम तालिबानी बुर्का के नाम से चलाया था।28 मई को चलाये गए इस कार्यक्रम पर दिल्ली माइनॉरिटी कमीशन ने ज़ी न्यूज़ को नोटिस भेजा है,और उनसे जवाब मांगा है।
कमीशन के नोटिस के अनुसार ज़ी न्यूज़ के कार्यक्रम “तालिबानी बुर्का” में आरोप लगाया गया था कि इस क्षेत्र की मुस्लिम महिलाएं वहाबी विचारधारा से प्रेरित हैं और इलाके में तालिबानी विचारधारा को फैलाने का काम कर रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आयोग ने सवाल उठाया कि क्या बुजुर्ग महिलाओं द्वारा बुर्क पहनना पुरानी परंपरा नहीं है? यह भी सवाल किया गया कि क्या यह मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास नहीं था? आयोग ने कहा कि यदि चैनल इस संबंध में सबूत देने में विफल रहता है तो चैनल को बिना शर्त माफी मांगनी होगी।
कार्यक्रम में मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहने हुए दिखाया गया था और कई अलग-अलग लाइनें भी चलाई गई थी जैसे ‘भारत में तालिबानी सोच की घुसपैठ’, ‘तालिबानी बुर्के का इतिहासिक डीएनए टेस्ट’, देखें कैराना में तालिबानी बुर्के का क्या काम।
आयोग ने यह भी कहा है कि ज़ी न्यूज़ ने अपनी वेबसाइट पर इसको लेकर एक न्यूज़ पब्लिश की थी जिसका हेडलाइन रखा गया था कि धीरे-धीरे भारत के मुसलमानों को कट्टर बनाया जा रहा है।
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि यह कार्यक्रम समुदायों के तुष्टिकरण करने के लिए और वोटरों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने के लिए किया गया था जो कि भारत के कानून के अनुसार दंडनीय है।
आयोग ने यह नोटिस जी न्यूज के मैनेजिंग डायरेक्टर को भेजा है और उनसे कहा है कि वह सबूत पेश करें कि किस तरह कैराना की महिलाओं को तालिबानी बनाया गया और किसने और कहां से की तालिबानी सोच भारत में लाई है।
आयोग के चेयरमैन डॉ जफर उल इस्लाम खान जल्द ही इस बारे में चुनाव आयोग और न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी को भी खत लिखने की बात कह रहे हैं और वह चैनल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करेंगे।