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कहीं ऐसा न हो….अरुण जैमिनी
Arun Gemini ============== कहीं ऐसा न हो ————- नौ महीने से कोई कविता ही पैदा नहीं हो रही थी मेरे भीतर के रचनाकार की आत्मा रो रही थी अचानक मुझे लगा मेरा पांव ही नहीं भारी हो गया सारा शरीर वही उल्टी,वही मतली,वही पीर मेरी हालत पर तरस खा कर पत्नी बोली – ‘जब से […]
‘जाते हुए कौवे’…..कुछ अनहोनी की आशंका है!
Rajendra Pandey ============== . ‘ जाते हुए कौवे ‘ कौवा हमारी जिंदगी से जितना जुड़ा रहा, शायद ही कोई पशु, पक्षी उतना नजदीक से जुड़ा रहा हो । कौवा आंगन में बोले तो प्रिय के आगमन की सूचना है। लेकिन कई कौवे एक साथ रात मेंबोलें तो अशुभ है। कुछ अनहोनी की आशंका है l […]
कामरेड शशि प्रकाश की ताज़ा कविता … हमारे लहूलुहान समय का एक दृश्य-चित्र!
* स्टिललाइफ़ 2023 तिपहरी उदास, सुनसान। एकाकी उचाट आत्मा पर ग्लानिग्रस्त गुलाब की छाया गिरती हुई अनमनी। पुराने बरगद की लटकती बरोहें डोलती हुई हवा में जिन्हें फिर से मिट्टी तक पहुँच कर नयी जड़ें बनना था। मनहूसी भरे आसमान में पुच्छल तारे सी उगी एक बन्दूक। नीचे कंसंट्रेशन कैम्प जैसी किसी आतंककारी इमारत के […]