नई दिल्ली: अमेरिकी दूतावास के येरुशलम में खोलने का विरोध प्रदर्शन कर रहे फिलिस्तीनी मुसलमानों पर ड्रोन और सनेपर्स से हमला करते हुए ढाई हजार से अधिक को ज़ख्मी तथा 58 को शहीद कर दिया है,जिसके बाद पूरी दुनिया मे उबाल आगया है,तुर्की ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक मनाने की घोषणा करते हुए अमेरिका और इज़राईल से अपने राजनायिक सम्बन्ध तोड़ते हुए अपने राजदूत वापस बुला लिये हैं।
तुर्की के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अमेरिका और इजरायल के खिलाफ आपातकाल बैठक 24 घण्टों में बुला ली है,तथा इसके दक्षिण अफ्रीका ने भी इज़राईल के द्वारा किये जारहे नरसंहार पर कड़ा रुख लेते हुए अपने राजदूत वापस बुलाने का ऐलान किया है।
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— allAfrica.com (@allafrica) May 15, 2018
दक्षिण अफ़्रीका के अंतर्राष्ट्रीय संबंध और सहयोग विभाग ने एक बयान में कहा, “दक्षिण अफ्रीका सरकार गज़ा सीमा पर इजरायली सशस्त्र बलों द्वारा किए गए हिंसक आक्रामकता के नवीनतम कार्य को मानवता विरोधी कार्य बताती है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा करती है। इजरायली सैनिकों ने फिलितसीनि प्रदर्शनकारियों पर अंधाधुंध और वैहशियना ढँग से हमला किया है,जिसको किसी भी तरह से बर्दाश्त नही किया जासकता है।
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दक्षिण अफ्रीका सरकार ने गाज़ा सीमा पर हुए नरसंहार को गम्भीरता से लेते हुए तत्काल प्रभाव से अपने इज़रायली राजदूत सीसा नागोमबेन को वापस बुलाने और राजनायिक सम्बन्ध तोड़ने का ऐलान किया है।
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— RT (@RT_com) May 14, 2018
दक्षिण अफ्रीका ने कहा है कि फिकिस्तीनी नागरिक अमेरिकी दूतावास के स्थानांतरण का विरोध प्रदर्शन कर रहे थे,जिन की आवाज़ को दबाने के लिये इज़राईल ने गलत तरीका चूना है जिसको कभी माफ नही किया जासकता है।
सूत्रों अनुसार खबर मिल रही है अरब देशों ने भी अब इज़राईल और अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख अपनाना शुरू कर दिया है,और कुवैत ने अपने राजदूत को वापस बुला लिया है।