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तौहीद और शिर्क : सूरए साद आयतें 26-28 : पार्ट-51
सूरए साद आयतें 26-28 يَا دَاوُودُ إِنَّا جَعَلْنَاكَ خَلِيفَةً فِي الْأَرْضِ فَاحْكُمْ بَيْنَ النَّاسِ بِالْحَقِّ وَلَا تَتَّبِعِ الْهَوَى فَيُضِلَّكَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ إِنَّ الَّذِينَ يَضِلُّونَ عَنْ سَبِيلِ اللَّهِ لَهُمْ عَذَابٌ شَدِيدٌ بِمَا نَسُوا يَوْمَ الْحِسَابِ (26) इस आयत का अनुवाद हैः “ऐ दाऊद! हमने धरती में तुम्हें ख़लीफ़ा (उत्तराधिकारी) बनाया है। अतः तुम लोगों के […]
लोगों पर रहम न करना अल्लाह की रहमत के ख़त्म होने का कारण बनता है
अल्लाह की आम रहमत में दोस्त, दुश्मन, मोमिन, काफ़िर, अच्छे और बुरे सब लोग शामिल हैं। जिस तरह से जब वर्षा होती है तो सब जगह होती है मगर यह बात अल्लाह की विशेष रहमत में फ़र्क़ करती है। पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी और मुसलमानों के इमाम हज़रत अली हज़रत आदम अलैहिस्सलाम की पैदाइश के […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-11
قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ الَّذِي أُرْسِلَ إِلَيْكُمْ لَمَجْنُونٌ (27) قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَيْنَهُمَا إِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُونَ (28) फ़िरऔन ने (अपने दरबारियों से) कहा, “निश्चय ही तुम्हारा यह पैग़म्बर, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिल्कुल पागल है।” (26:27) मूसा ने कहा, “वह पूरब और पश्चिम और जो कुछ उनके बीच है उसका भी पालनहार […]