Related Articles
पैगम्बर मोहम्मद साहब ने हुक्म दिया है कि “मज़दूर का पसीना सूखने से पहले उसकी मज़दूरी देदो”
@मुफ़्ती उसामा इदरीस नदवी इस्लाम एक आसान दीन का नाम है ,जिसमें इंसान को ज़िन्दगी गुज़ारने के लिये हर मोड़ पर रहनुमाई मौजूद है,इस्लाम ने पूँजीवाद को कभी बढ़ावा नही दिया है,बल्कि अपने मूलभूत सिद्धांतों में अमीर की तिजोरी से माल को गरीब के कटोरे में पहुंचाना एक धर्म और महापुण्य का नाम दिया है,ऐसे […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-43 : क्या मैं तुम्हें बताऊँ कि शैतान किस पर उतरते है…?!
हमने बताया था कि सूरए क़सस, पैग़म्बरे इस्लाम के मक्का पलायन करने से पहले उतरा था। इस सूरए में वर्णित कथाओं के दौरान एकेश्वरवाद, प्रलय, पवित्र क़ुरआन के महत्त्व, प्रलय में अनेकेश्वरवादियों की स्थिति, मार्गदर्शन, पथभ्रष्टता तथा अन्य विषयों के बारे में महत्त्वपूर्ण पाठ सीखने को मिले। सूरए क़सस की 51वीं आयत के बाद से […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-15
طسم (1) تِلْكَ آيَاتُ الْكِتَابِ الْمُبِينِ (2) نَتْلُو عَلَيْكَ مِن نَّبَإِ مُوسَىٰ وَفِرْعَوْنَ بِالْحَقِّ لِقَوْمٍ يُؤْمِنُونَ (3) ता सीन मीम (28:1) ये स्पष्ट करने वाली किताब की आयतें हैं। (28:2) (हे पैग़म्बर!) हम ईमान लाने वालों (की सूचना के लिए) मूसा और फ़िरऔन के जीवन के कुछ भाग की सटीक तिलावत आपके समक्ष करते हैं। […]