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हज़रत सुलैमान (अ) ने उस आदमी से फ़रमाया, पिंजरा खोल दो और उसे आज़ाद कर दो, क्योंकि…!
A Qayyum Hakim =========== हज़रत सुलेमान (अलैहिस्सलाम) के ज़माने में एक आदमी ने एक खूबसूरत परिंदा ख़रीदा, जब वो चहचहाता तो उसकी खूबसूरत और सुरीली आवाज़ से वो आदमी बहुत मसरूर होता, जैसे कि परिंदा की आवाज़ बहुत ही सुरीली और प्यारी थी। एक दिन अचानक इससे मिलता जुलता एक और परिंदा इस पिंजरे के […]
तौहीद और शिर्क : उन्हें इस भूल में नहीं रहना चाहिए कि वे अपने कर्मों की सज़ा और प्रतिफल से बच जाएंगे : पार्ट-11
قَالَ إِنَّ رَسُولَكُمُ الَّذِي أُرْسِلَ إِلَيْكُمْ لَمَجْنُونٌ (27) قَالَ رَبُّ الْمَشْرِقِ وَالْمَغْرِبِ وَمَا بَيْنَهُمَا إِنْ كُنْتُمْ تَعْقِلُونَ (28) फ़िरऔन ने (अपने दरबारियों से) कहा, “निश्चय ही तुम्हारा यह पैग़म्बर, जो तुम्हारी ओर भेजा गया है, बिल्कुल पागल है।” (26:27) मूसा ने कहा, “वह पूरब और पश्चिम और जो कुछ उनके बीच है उसका भी पालनहार […]
हज़रत मुहम्मद स.अ.व. फ़रमाते हैं, “लाज़मी तौर पर जमआत में रहो”…By-Razi Chishti
Razi Chishti ============ अल्लाह सुबहानहूतआला ने फ़रमाया कि दीन में फूट मत डालो(3:103), दीन के टुकड़े टुकड़े न करना(6:159), अल्लाह की रस्सी को मज़बूती से पकड़े रहना(3:103), और हज़रत मुहम्मद स.अ.व. फ़रमाते हैं कि “लाज़मी तौर पर जमआत में रहो”, फ़िर भी हमने ठीक इसका उल्टा किया और फ़िरकों में बंटते चले गए और कमाल […]