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तो मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संभव नहीं हो पाती…

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि भगवान राम के साथ उनकी पार्टी का संबंध काफी पुराना और भावनात्मक है। उन्होंने दावा किया कि अगर उनकी पार्टी अयोध्या में नहीं होती, तो मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संभव नहीं हो पाती। राज्यसभा सदस्य संजय राउत पार्टी के एक सम्मेलन में बोल रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘भगवान राम से हमारा बहुत पुराना नाता है। भगवान राम के साथ शिवसेना का भावनात्मक रूप से बहुत गहरा है। यह किसी व्यक्ति या पार्टी का नहीं है। अगर किसी का भगवान राम के साथ सबसे पुराना नाता है, तो वह शिवसेना है।’ राउत ने दावा किया, ‘अगर शिवसेना वहां नहीं होती तो भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा (अयोध्या में मूर्ति) नहीं होती। शिवसेना के बाघों ने साहस दिखाया। जिसकी वजह से आज प्रधानमंत्री भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कर सकी।’

प्रधानमंत्री की मौजूदगी में सोमवार को अयोध्या में रामलला की नई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई। शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र भाजपा के बीच राम जन्मभूमि आंदोलन में योगदान को लेकर जुबानी जंग चल रही है। महाराष्ट्र भाजपा ने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, विधायक आदित्य ठाकरे और राउत पर आंदोलन में उनके योगदान को लेकर हमला बोला है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) बाबरी मस्जिस को गिराने का श्रेय ले रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘जो राम का नहीं वो किसी काम का नहीं। जिन लोगों ने राम मंदिर का विरोध किया। उन्हें रामलला का नाम लेने का अधिकार नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने बालासाहेब ठाकरे और भगवान राम के करोड़ों भक्तों के सपनों को पूरा किया। कल एक ऐतिहासिक दिन था।’