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अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है…By-रीमा सिन्हा ‘संवेदना
रीमा सिन्हा ‘संवेदना ============ अधूरेपन में जो ख़लिश है, सच्चे इश्क़ की वो तपिश है। हाल पर हँसता है ज़माना, ज़माने की हमसे रंजिश है। ख़्वाब से पूरी होती खुशियां, हक़ीक़त की अपनी बंदिश है। अधूरा तो हर कोई है दुनियां में, अधूरापन पूर्णता की कोशिश है। पूरे होकर रुक जायेंगे राह में, अधूरापन क़ल्ब […]
धब्बा तो लग ही गया हैं पूरे ख़ानदान पर….मीनाक्षी सिंह की कलम से
धब्बा लगना (कलंकित करना ) मंजू …. समझदारी से काम ले… मत मार जवान छोरी को … धब्बा तो लग ही गया हैं पूरे खानदान पर…. क्या करूँ माँजी … मेरा तो सर फटा जा रहा हैं सोच सोचकर… मोडर्न बनाने के चक्कर में मैने इसे इतनी छूट दे दी.. आप कितना मना करती थी […]
चौथीराम यादव, हजारी प्रसाद द्विवेदी के अन्तिम शिष्य थे
जयचंद प्रजापति ============== चौथीराम यादव हजारी प्रसाद द्विवेदी के अन्तिम शिष्य थे ………. हिन्दी साहित्य के प्रसिध्द आलोचक चौथीराम यादव के निधन से हिन्दी साहित्य का एक मुखर वक्ता चला जाना साहित्य की एक गली सूनी हो गयी। बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी के प्रोफेसर रहे चौथीराम यादव का जन्म 29 जनवरी 1941को कायमगंज जौनपुर […]