यहूदियों का मानना है कि Jerusalam City उनके नबी हज़रत मूसा की है! और कयामत से कुछ दिन पहले एक नबी वहीं पैदा होगा, और फिर यहूदीयों का सारी दुनिया पर राज होगा!
ईसाईयों का मानना है कि यरूशलम शहर उनके नबी हज़रत ईसा का है! और क़यामत से कुछ वक्त पहले फिर हज़रत ईसा वहीं पर वापस आएंगे, और फिर ईसाइयों का सारी दुनिया पर राज होगा!
मुसलमानों का ऐसा मानना है कि यरूशलम शहर उनका है और कयामत से कुछ दिन पहले हज़रत ईसा वहीं पर वापिस आयेंगे लेकिन इमाम मेहदी बनकर! और फिर सारी दुनिया पर मुसलमानों का राज होगा!
1) तीनो धर्म कहते हैं कि क़यामत से पहले कोई आयेगा और सारी दुनिया पर राज करेगा!
2) तीनो धर्मो के मानने वालों का मानना है कि आखरी नबी का आना बाक़ी है जो सारी दुनिया पर राज करेगा! मुस्लिम, यहूदी या ईसाई कोई भी हो सकता है लेकिन हिंदू तो नहीं होगा!
और जब तीनों ही धर्म ऐसा कह रहे हैं तो कोई तो ज़रूर आएगा!
Ali Sohrab
@007AliSohrab
ज़ूनी बताती हैं, “हम सोने की तैयारी कर रहे थे कि भारतीय फ़ौज आ गई, उन्होंने मर्दों को बाहर निकाल दिया. कुछ ने हमारे सामने शराब पी. मेरी दो साल की बच्ची मेरी गोद में थी. हाथापाई में वो खिड़की से बाहर गिर गई. वह ज़िंदगी भर के लिए विकलांग हो गई”
ज़ूनी आगे बताती हैं, “तीन सैनिकों ने मुझे पकड़ लिया. मेरा फ़िरन (कश्मीरी लोग जो लंबा सा लिबास पहनते हैं), मेरी कमीज़ फाड़ दी. इसके बाद मुझे नहीं मालूम कि क्या-क्या हुआ. वो पांच लोग थे. उनकी शक्लें मुझे आज भी याद हैं.”
ज़रीना भी घर में मौजूद थीं.
उनकी शादी को सिर्फ़ 11 दिन हुए थे.
ज़रीना कहती हैं, “मैं उसी दिन मायके से वापस आई थी. फ़ौजियों ने मेरी सास से पूछा कि ये नए कपड़े किसके हैं. मेरी सास ने कहा कि ये नई दुल्हन के हैं. इसके बाद जो हुआ, मैं उसे बयान नहीं कर सकती. हमारे साथ सिर्फ़ ज्यादती नहीं हुई, ऐसा ज़ुल्म हुआ है जिसकी कोई हद नहीं”
23 फरवरी 1991: आज से ठीक 34 साल पहले भारतीय संवैधानिक सैनिकों ने भारत प्रशासित कश्मीर में कुपवाड़ा ज़िले के कुनन-पोशपोरा गांव में सर्च ऑपरेशन के नाम पर बंदूक के नोक पर गांव के कश्मीरी मुस्लिम मर्दों को बंधक बनाया और फिर गांव के सभी कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं का सामूहिक बलात्कार किया…
भारतीय संवैधानिक सैनिकों ने नाबालिग कश्मीरी मुस्लिम लड़कियों, बूढ़ी कश्मीरी मुस्लिम महिलाएं, विकलांग कश्मीरी मुस्लिम औरतों और गर्भवती कश्मीरी मुस्लिम महिलाओं को भी नहीं बख्शा, सबका भारतीय सैनिकों ने सामूहिक बलात्कार किया…
नताशा कहती हैं, “ये एक इतना बड़ा सामूहिक बलात्कार का मामला है जिसमें पीड़ित बड़ी हिम्मत करके सामने आए हैं. और इस मामले में बहुत सारे चश्मदीद मौजूद हैं”
संवैधानिक न्यायतंत्र का मानना है कि अगर बलात्कारी भारतीय फौजियों को सजा दी गई तो सैनिकों का मनोबल गिर जाएगा…