ravish kumar
@ravishndtv
पचास लाख ? मानहानि के ? वो भी रिपोर्टिंग के लिए? माननीय पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने फ़िलहाल रोक लगा दी है। कोर्ट का आभार लेकिन इस तरह की प्रक्रियाओं से तंग आकर कोई भी पत्रकार रिपोर्ट ही करना बंद कर देगा। कश्मीर, मणिपुर, छत्तीसगढ़ जैसे टकराव क्षेत्रों में एनकाउंटर की मनमानी रुकेगी कैसे? पत्रकारों की रिपोर्ट से ही लोगों को न्याय मिला है। अब तो कोर्ट के ही कितने आदेश हैं फिर भी पचास लाख की मानहानि?
इस समय भी छत्तीसगढ़ में एनकाउंटर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। राहुल पंडिता ने उस क्षेत्र से कितनी रिपोर्ट की है। ऐसे भी दो चार पत्रकार ऐसी घटनाओं पर लिखने का जोखिम उठाते हैं । एक रिपोर्ट लिखने की इतनी बड़ी सज़ा! यही करना है तो क़ानून बना दीजिए कि लोग केवल ध्यान की रिपोर्टिंग करेंगे। बाक़ी चीज़ें राम भरोसे। यह साफ़-साफ़ धमकी है कि रिपोर्टिंग बंद कर दें या फिर पचास लाख का इंतज़ाम कर लें ।
अयोध्या
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