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तो अब आप बताइए पूरे सीन में भूतिया कौन??

जान अब्दुल्लाह
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गल्फ से पैसे छाप कर एक व्यक्ति नया नया अपने शहर आया। एक दिन वह वॉक पर निकला तो देखा एक बंदा सर्दी में ठिठुर रहा है, उसने गल्फ में बैठ कर इंसानों की मदद करने वाली बहुत रील्स देखी थी, उसकी में हुड़क मची, वह भाग कर गया कॉफी लेकर आया और ठिठुर रहे बंदे को दी बोला भाई कहां रहता है बोला यही रहता हू फुटपाथ पर बोले सर्दी?? बोले रब की मर्जी, बोला रुक थोड़े कपड़े लाता हू और वह रीबूके से टोपा और जैकेट ले आया। इसके बाद वो दानवीर चला गया मगर उससे रहा नही जा रहा था वह सोचा और क्या करे तो वह सीधा पोर्टा कैबिन ले आया छोटा सा 20, 25 हजार का और सड़क किनारे थोड़ी अंदर लाकर रखवा दिया और बोला भाई आज से तू यहां रहिए ठंडी से बचेगा। फिर उसने अपने इंस्टाग्राम पर फोटो डालकर बोला देखो दुनिया वालो मैं हू दानवीर इलाहबादिया
इस बात को 3 से 4 हफ्ते हुए दानवीर को एक दिन याद आया कि उसने ऐसा दान किया था जाकर अपडेट ले लेता हूं। वह गया देखने लेकिन उसने देखा एक कंपनी में सेल्स का काम कर रहा जैसा बंदा पैंट और टाई में पोर्टा केबिन में घुसा तो वह भी कुछ देर सोच कर अंदर घुस गया
बंदा : ए ए ऐ कौन है बे कहां कु चला आरिया है, साले कपड़े बदल रहा हू???
दानवीर : रे तू कून सी का है?
बंदा : मैं जॉन सिक्का, तू कौन है बे, यह क्यों घुस रिया है?
दानवीर : मैं रानवीर, या पोर्टा में तू कैसे??
बंदा : मैं कैसे?? साढ़े इतने चांटे मारूंगा कि विद्वानवीर हो जायेगा, मेरा कमरा है यह।
दानवीर : तेरा कमरा?? साले मैने दिया हा यह एक आदमी को
बंदा : तो जाके उसी आदमी से ले मैने यह किराया पर लिया है महीने के 1000 देता हूं।
दानवीर : किस्से लिया हा, नाम बता?
बंदा : एक मिनट कॉल करता हूं
< कॉल लगाया, एक आदमी आया>
आदमी : हां जॉन सिक्का भाई साहब क्या दिक्कत है??
बंदा : यो, पता ना कौन है साला घुसा चला आ रिया है
आदमी : हांजी भाई साहब, शकल से बड़े आदमी दिखता, गरीब की झोपड़ी में क्यों घुसता झोपड़ी वाले के माफिक?
दानवीर : तू कून है भाई?
आदमी : मैं कौन?? अब मैं कौन?? मै इसका मालिक, अब तू कौन??
दानवीर : तू मालिक?? लेकिन यह तो मैंने एक गरीब को आदमी को दिया था।
आदमी : अच्छा अच्छा, एक मिनट, चल मेरे साथ
दोनो बाहर आए , आदमी ने उसको उंगली का इशारा करते हुए बताया, वो देख वो रहा तेरा गरीब, नाली के आस पास सो रहा है, नशे में धुत्त, रोज दारू पीता है उसने मुझे यह बेचा है और मैने किराया पर दिया है अब तू यहां से वंटास की गोली पीले।
दानवीर : चला तो जाऊंगा लेकिन पाठको को कोई ज्ञान तो पिला दो भाई।
आदमी : देखो भाई साहब, गरीब आदमी की हालत आप दान देकर परमानेंट नही बदल सकते। माना की गरीब आदमी की गरीब रहने में 100 फीसदी गलती नही है लेकिन 50% फीसदी हैं गरीब आदमी अपनी कुछ गलत आदतों की वजह से गरीब रहता है। गरीब जिस दिन खुद को गरीबी से बाहर निकालने की कोशिश करेगा वह अमीर ना भी बने, पर गरीबी से बाहर निकल ही आएगा। आपने इसको केबिन, कपड़े और काफी दिया, यह ही काफी था कि आपसे प्रेरित होकर यह रोज अपनी एक एक आदतों पर काम करता लेकिन नही, इसने मुझे अगले ही दिन यह बेच दिया और तब से दुगना नशा करके पड़ा रहता है पहले यह शाम में लाल बत्ती पर पेन बेचता था और 100 दो सौ रुपया होते ही देसी दारू वाले से दारू लेकर रात को पड़ जाता था। उस दिन जब आपको मिला , इसके पास नशे के पैसे नही थे आपका दिया केबिन लेकिन बेच डाला तब से काम भी नही करता। आपने इससे इसकी एक अच्छी आदत भी छीन ली और आपके 20 , 25 हजार के निवेश पर मैने 5000 का निवेश करके प्रतिमाह 20% का रिटर्न के रहा हूं, तो अब आप बताइए पूरे सीन में भूतिया कौन??