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तोशाख़ाना मामले में इमरान ख़ान को अदालत ने तीन साल की सज़ा सुनायी, ”ख़ान” को कोर्ट लखपत जेल भेजा गया!

तोशाखाना मामले में इमरान ख़ान को अदालत ने तीन साल की सज़ा सुनायी है, सज़ा मिलने के बाद इमरान ख़ान को कोर्ट लखपत जेल भेज दिया गया है,

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। तोशाखाना केस में इमरान खान को जिला-सत्र न्यायालय ने दोषी ठहराया है। उन्हें इस मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई है। बताया गया है कि सजा के एलान के बाद इस्लामाबाद पुलिस ने इमरान को लाहौर से गिरफ्तार कर लिया।

क्या है तोशाखाना मामला?
पाकिस्तान के कानून के अनुसार किसी विदेशी राज्य के गणमान्य व्यक्तियों से प्राप्त कोई भी उपहार स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना में रखना होता है। अगर राज्य का मुखिया उपहार को अपने पास रखना चाहता है तो उसके लिए उसे इसके मूल्य के बराबर राशि का भुगतान करना होगा। यह एक नीलामी की प्रक्रिया के जरिए तय किया जाता है। ये उपहार या तो तोशाखाना में जमा रहते हैं या नीलाम किए जा सकते हैं और इसके माध्यम से अर्जित धन को राष्ट्रीय खजाने में जमा किया जाता है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख खान पर प्रधानमंत्री रहते हुए स्टेट डिपॉजिटरी यानी तोशाखाना से रियायती मूल्य पर प्राप्त एक महंगी ग्राफ कलाई घड़ी सहित अन्य उपहार खरीदने और लाभ के लिए उन्हें बेचने का आरोप है। इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे। इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था। बाद में इमरान खान ने इन्हें तोशाखाना से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया। इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इमरान ने 2.15 करोड़ रुपये में इन उपहारों को तोशाखाना से खरीदा और इन्हें बेचकर 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां शामिल थे। बिक्री का विवरण साझा न करने के कारण उन्हें पिछले साल अक्तूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान तोशाख़ाना मामले में दोषी ठहराए गए हैं। इस्लामाबाद की ज़िला एवं सत्र अदालत ने इमरान ख़ान को तीन साल जेल की सज़ा सुनाई है। इस सज़ा के ख़िलाफ़ इमरान ख़ान के पास ऊपरी अदालतों में अपील करने का मौक़ा है। इमरान ख़ान के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं।

तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट के जज ने पूर्व पीएम इमरान ख़ान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इस आदेश के बाद इमरान ख़ान को लाहौर के ज़मान पार्क वाले घर से इमरान ख़ान को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उन्हें लाहौर से इस्लामाबाद ले जाने की तैयारी की जा रही है। तीन साल की सज़ा होने के बाद इमरान ख़ान 5 साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य भी हो गए हैं। ग़ौरतलब है कि इमरान ख़ान पर 2018 से 2022 के दौरान प्रधामंत्री पद का दुरुपयोग कर सरकारी उपहारों को ख़रीदने और बेचने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। ये उपहार इमरान ख़ान को विदेश यात्राओं के दौरान प्राप्त हुए थे और जिनकी क़ीमत 140 मिलियन ($ 635,000) से अधिक थी। इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने सुनवाई के बाद इमरान ख़ान को संपत्ति छिपाने और सरकारी उपहार बेचने के मामले में दोषी माना। हालांकि, इमरान ख़ान के वकीलों ने ट्रायल कोर्ट के न्यायशीश दिलावर हुमायू पर पहले ही पक्षपात करने का आरोप लगा दिया था। ऐसे में पाकिस्तान में एक बार फिर बवाल बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 9 मार्च को इमरान ख़ान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट के अंदर से भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ़्तार किया गया था। तब पूरे पाकिस्तान में इमरान ख़ान के समर्थकों ने ज़बरदस्त हिंसक प्रदर्शन किए थे। इस बार फ़ैसला आने के बाद सोशल मीडिया पर इमरान ख़ान समर्थन में बाढ़ सी आ गई है। समर्थकों का कहना है कि इस्लामाबाद की एक अदालत द्वारा राजनीतिक मामले (तोशाख़ाना केस) में इमरान ख़ान को तीन साल की सज़ा सुनाने का फ़ैसला बेहद निंदनीय है। कोई साक्ष्य नहीं है। अत्यंत पक्षपातपूर्ण निर्णय। पाकिस्तान में अदालतें शक्तिशाली सेना के अत्यधिक दबाव में काम कर रही हैं। बता दें कि अदालत का यह फ़ैसला पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले आया है जिसमें इमरान ख़ान की पार्टी को जीत की उम्मीद है। नेशनल असेंबली का कार्यकाल 12 अगस्त को समाप्त होगा, लेकिन उम्मीद है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार नौ अगस्त को निचले सदन को भंग कर देगी।