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तेल अवीव के जाल में वाशिंग्टन

पार्स टुडे – एक अमेरिकी विश्लेषक ने कहा है कि ईरान पर वाशिंगटन के हालिया हमलों ने अमेरिकी रक्षा उद्योग की कमज़ोरियों को उजागर कर दिया है।

तेल अवीव के समर्थन में 22 जून को वाशिंगटन ने ईरान के नतंज़, फोर्दू और इस्फ़हान स्थित परमाणु केन्द्रों पर हमला किया। ईरान ने इस अमेरिकी आक्रमण की कड़ी निंदा करते हुए इसे “संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के मौलिक सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का अभूतपूर्व व जघन्य उल्लंघन” बताया।

पार्स टुडे ने मश्रिक़ वेबसाइट के हवाले से प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर रिपोर्ट दी है कि अमेरिकी विश्लेषक ‘ब्रेंडन डैनियल्स’ ने ज़ोर देकर कहा है कि ईरान पर अमेरिकी हमलों ने अमेरिकी रक्षा उद्योग की कमज़ोरियों को स्पष्ट कर दिया है।

डैनियल्स ने आगे कहा: “ईरान के साथ टकराव ने दिखा दिया है कि अमेरिका को अपने रक्षा उद्योगों की आपूर्ति श्रृंखला पर पुनर्विचार करना चाहिए।

Artificial Intelligence विशेषज्ञ ने इस ओर इशारा करते हुए कि 28,000 से अधिक अमेरिकी कंपनियाँ उन प्रौद्योगिकियों पर निर्भर हैं जो अवैध अधिकृत फिलिस्तीनी क्षेत्रों में उत्पादित, अद्यतन या रखरखाव की जाती हैं, बताया: “इज़राइल-ईरान टकराव शुरू होते ही इन कंपनियों की गतिविधियाँ बाधित होने के ख़तरे में पड़ गईं।”

एक्सीजर कंपनी के सीईओ ने कहा: अगर इज़राइल-ईरान युद्ध एक पूर्ण युद्ध में बदल जाता, तो अमेरिका को बी-2 बॉम्बर जैसे सिस्टमों को सपोर्ट देने के लिए अपनी सप्लाई चेन को तुरंत रीडिजाइन करना पड़ता।”

डैनियल्स ने चेतावनी दी: “अमेरिका के पास रक्षा उद्योगों के लिए आवश्यक पुर्जों की सप्लाई केवल कुछ दिनों या हफ्तों के लिए ही है। हमें अपनी सप्लाई चेन को 6 महीने से 6 साल के दृष्टिकोण से प्लान करना चाहिए।”

अमेरिका तेल अवीव की महत्वाकांक्षाओं के दलदल में:

अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ विशेषज्ञ ‘दियाको हुसैनी’ ने कहा: “हालांकि वाशिंग्टन में यहूदी लॉबी की ताक़त के कारण इज़राइल अमेरिका में लगभग कुछ भी हासिल कर सकता है, लेकिन सार्वजनिक राय और अमेरिकी नीति निर्माताओं में इज़राइल – या कम से कम इसके उग्रवादी हिस्से की आलोचना पिछले दो दशकों की तुलना में काफी बढ़ गई है।

उन्होंने बल देकर कहा: “हालांकि ट्रम्प की उग्रवादी सरकार इज़राइल का समर्थन करती है, लेकिन अमेरिका में इज़राइल और अमेरिकी सरकार की उसके साथ साठगांठ की आलोचना बहुत अधिक है।”

इस राजनीतिक विश्लेषक ने आगे कहा: “इज़राइली लॉबी निकट भविष्य तक अमेरिका को तेल अवीव की महत्वाकांक्षाओं के दलदल में खींच सकती है लेकिन साथ ही अमेरिका में इसकी राजनीतिक और सामाजिक आलोचना भी बढ़ रही है।

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