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तुर्की पहुँची सऊदी अरब की सेना,करेगी ख़ास सैन्य अभ्यास,इज़राईल और अमेरिका के लिये बजी खतरे की घण्टी

नई दिल्ली:इज़राईल पूरी दुनिया में मुसलमानों के खिलाफ साज़िश रच रहा है जिसके कारण फिलिस्तीन में कई दशकों से मुसलमान शहीद होरहे हैं,और बच्चे, महिलाएं,लड़कियाँ निहत्थे होने के बावजूद फिलिस्तीन का मुक़ाबला कर रहे हैं,तुर्की ने कई बार इज़राईल को मुसलमानों पर जुल्म न करने और मानव अधिकारों के अंतर्गत काम करने की अपील की है ,लेकिन इज़राईल अपनी हरकतों से बाज़ नही आरहा है।

इंटरनेशनल मीडिया में इन दिनों खबर छाई हुई है कि EFES 2018 अभ्यास में भाग लेने वाली सऊदी सैनिक शुक्रवार को तुर्की में संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने के लिए पहुंचे हैं।

सऊदी सैनिकों का अंकारा और बुखारेस्ट में सऊदी दूतावासों में सैन्य अटैच, रियर-एडमिरल पायलट खालिद बिन हुसैन अल-असफ़, और अभ्यास के कमांडर अधिकारी कमोडोर अब्दुल्ला बिन मोहम्मद अल-दिराइबी और अन्य सहयोगी द्वारा स्वागत किया गया।

अल अरेबिया की खबरों के अनुसार आयोजित किए जाने वाला यह अभ्यास संयुक्त रूप से मल्टीपार्टाइट और बहु-राष्ट्रीय हैं और अभ्यास के प्रकृति और क्षेत्रों की विविधता में भाग लेने वाले सैनिकों की संख्या और विविधता के संदर्भ में दुनिया में सबसे बड़े सैन्य ड्रिलों में से एक माना जाता है।

अल-दिराइबी ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य भाग लेने वाले देशों के बीच सैन्य अनुभव के आदान-प्रदान, विभिन्न वातावरणों में संयुक्त संचालन की योजना बनाने और समन्वय पर प्रशिक्षण, युद्ध दक्षता को अपग्रेड करने और सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण देना है।

इससे पहले भी तय्यब एर्दोगान ने इज़राईल को दुनिया से मिटाने के लिये मुस्लिम सेना बनाने का एलान किया था,जिसमें दुनियाभर के 56 मुस्लिम देशों के सैनिक भाग लेंगे और कहीं भी किसी मुस्लिम देश को ज़रूरत पड़ेगी या किसी भी प्रकार की आपातकाल स्थिति में मुस्लिम सेना दुनियाभर में मुसलमानों की रक्षा करेगी।

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