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तुर्की को मुश्किल की घड़ी में मिला यूरोप का समर्थन-अमेरिका के खिलाफ एकजुट हुए ये तमाम देश देखिए

नई दिल्ली: अमेरिका और तुर्की के बीच चलरहे तनाव के कारण तुर्की की अर्थव्यवस्था पर खतरे के बादल मंडराये हुए हैं,जिसके चलते हुए राष्ट्रपति एर्दोगान ने जनता को एकजुट रहने का और हिम्मत के साथ मुक़ाबला करने की अपील करी है।

अमेरिका के ज़ुल्म के खिलाफ दुनिया के कई सारे मजबूत देशों ने अमेरिका के खिलाफ खुलकर तुर्की का समर्थन किया है जिनमें सबसे पहले क़तर,रूस ,ईरान,यूरोप,फ्राँस,चीन,पाकिस्तान के नाम शामिल हैं।

इसी बीच सोमवार को तुर्की और फ्रांस से संयुक्त प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ा जब ट्रेजरी और वित्त मंत्री बेरेट अल्बाराक ने पेरिस में फ्रांसीसी वित्त मंत्री ब्रूनो ले मैयर से मुलाकात की।

तुर्की मीडिया के मुताबिक, बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में, दोनों मंत्रियों ने तुर्की की स्थिरता के महत्व पर बल दिया, क्योंकि दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में संयुक्त रूप से कार्य करने का फैसला किया। साथ ही दोनों देशों ने कहा की वह अब और अमेरिका के प्रतिबंधों को नहीं सहेंगे और अमेरिका को मुह तोड़ जवाब देंगे।

अल्बाराक ने कहा कि तुर्की की स्थिरता यूरोप के हित में है और उन्होंने फ्रांस के सहयोगियों के रूप में संयुक्त रूप से कार्य करने का निर्णय लिया है।

अल्बाराक ने कहा कि उन्होंने और उनके फ्रांसीसी समकक्ष ने द्विपक्षीय व्यापार में सुधार करते हुए तुर्की, यूरोपीय संघ और अन्य देशों पर यू.एस. द्वारा लगाए गए टैरिफ पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक साथ अभिनय करने पर चर्चा की।

अल्बाराक के साथ घंटों की लंबी बैठक के बाद, फ्रांसीसी मंत्री ले मैयर ने कहा, तुर्की में स्थिरता यूरोप और तुर्की में हर किसी के हित में है। तुर्की के सभी साधनों के साथ संरचनात्मक सुधारों को फिर से शुरू करना महत्वपूर्ण महत्व है।