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तुर्की को अब यूरोपीय संघ में कोई दिलचस्पी नहीं रही?

अंकारा और ब्रसेल्स सरकार के अधिकारियों के हालिया रुख़ से ऐसा चलता है कि यूरोपीय संघ में तुर्की की सदस्यता का मुद्दा अभी भी अनिश्चितता के घेरे में है।

इस संबंध में, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोगान ने अंकारा सरकार के प्रति यूरोपीय संघ के व्यवहार को अनुचित बताया और घोषणा की है कि हम इस संघ में सदस्यता के लिए विशिष्टता नहीं देंगे।

तुर्क राष्ट्रपति ने संसद को संबोधित करते हुए कहाः तुर्की के प्रति यूरोपीय संघ का व्यवहार पक्षपातपूर्ण और अनुचित है, और हमारी ओर से प्रतिबद्धताओं को पूरा किए जाने के बावजूद, यूरोपीयों ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं।

तुर्क राष्ट्रपति ने यह भी कहाः अब हम यूरोपीय लोगों के निर्णय की प्रतीक्षा नहीं करेंगे, और अगर वे हमारी सदस्यता फ़ाइल को रद्द करने का निर्णय लेते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।

तुर्की और यूरोपीय संघ के बीच पिछले दो दशकों के तनाव से स्पष्ट है कि न तो तुर्की यूरोपीय संघ के साथ बातचीत की प्रक्रिया से हटने को तैयार है, और न ही ब्रसेल्स की तुर्की को इस प्रक्रिया से बाहर करने की इच्छा है।

इससे पहले और पिछले कुछ वर्षों के दौरान, तुर्की के राष्ट्रपति ने यूरोपीय अधिकारियों को बार-बार चेतावनी दी है। उन्होंने धमकी देते हुए कहाः तुर्की, यूरोप के लिए नरक के द्वार खोल सकता है। अर्दोगान का मतलब था कि अगर तुर्की संतुष्ट नहीं हुआ, तो वह यूरोप से लगने वाली अपनी सीमाएं खोल सकता है, जिससे पश्चिम में शरणार्थियों की बाढ़ आ सकती है और यूरोपीय देशों के लिए गंभीर संकट पैदा हो सकता है।

इसमें कोई शक नहीं है कि अर्दोगन सरकार यूरोपीय संघ की सदस्यता से निराश है। पीपल्स रिपब्लिक ऑफ़ टर्की पार्टी के प्रमुख कमाल केलिकडारोग्लू का कहना हैः हमने 1963 में घोषणा की थी कि हम यूरोपीय संघ में शामिल होना चाहते हैं और सभ्य दुनिया का हिस्सा बनना चाहते हैं। लेकिन अर्दोआन ऐसा नहीं सोचते हैं और इसके ख़िलाफ़ हैं। वह तानाशाह बनना चाहता हैं।

तुर्की के राष्ट्रपति ने भी अपने प्रतिद्वंद्वी पर पलटवार करते हुए कहाः केलिकडारोग्लू के शब्दों से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि पश्चिम के हित न कि तुर्की के, उनकी प्राथमिकता हैं।

तुर्की की आंतरिक और विदेश नीति की वर्तमान वास्तविकताओं के अलावा, यह कहा जाना चाहिए कि यूरोपीय संसद ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में तुर्की की यूरोपीय संघ में सदस्यता को असंभव माना है। पहली प्रतिक्रिया में, तुर्की के विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संसद की हालिया रिपोर्ट को आरोपों और अनुचित पूर्वाग्रहों से प्रभावित और विपक्ष की झूठी रिपोर्टों पर आधारित बताया है।