तुर्किए के राष्ट्रपति चुनाव में पहले राउंड में किसी भी नेता को बहुमत नहीं मिला सका इसलिए अब यह चुनाव, दूसरे चरण में पहुंच गया है।
तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन और उनके प्रतिद्वंद्वी कमाल किलिचदार ओग़लू में से कोई भी 50 फ़ीसद से ज़्यादा वोट हासिल नहीं कर सका। बहुमत हासिल न होने के कारण अब वहां पर 28 मई 2023 को फिर से वोट डाले जाएंगे।
तुर्किये के चुनाव आयोग के अनुसार कुल मतदान का प्रतिशत 88.48 रहा। तुर्किये के चुनाव में इसको मतदाताओं की सबसे बड़ी भागीदारी बताया जा रहा है।
कैसा लगेगा आपको जब आपके पीछे आपके देश का राष्ट्रपति आपकी लाइन में वोट डालने के लिए खड़ा हो ,
रजब तैय्यब अर्दोगान साहब ❤️ pic.twitter.com/W2pKDbLoFF
— Shama Parveen (@ShamaParveen78) May 15, 2023
तुर्किये के राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम यह बताते हैं कि मतदान प्रतिशत के हिसाब से इस देश के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान को लगातार कम वोट मिलते रहे हैं। पिछले राष्ट्रपति चुनाव में उनको 52 प्रतिशत ही मत मिले थे। इस बार उनको 50 प्रतिशत से भी कम वोट मिले हैं जिसके कारण वे पहले चरण में राष्ट्रपति नहीं बन पाए और अब दूसरे चरण के चनुाव के बाद ही यह तय होगा कि तुर्किये का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? अर्दोग़ान को मिलने वाले वोटों में कमी का कारण बहुत स्पष्ट है।
कुछ जानकारों का कहना है कि आर्थिक संकट के बारे में उचित नीति न अपनाना, मंहगाई को नियंत्रित करने में विफल रहना और पड़ोसी देशों को लेकर अर्दोग़ान की कुछ नीतियों के कारण उनको दिये जाने वाले वोटों में कमी आई है। अर्दोगान को वर्षों बाद चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है जहां उनके प्रतिद्वंद्वी ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करते हुए उन्हें कड़ी टक्कर दी है।
रजब तैयब अर्दोग़ान को तुर्किये के राष्ट्रपति चुनाव में 49.04 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कमाल किलिचदार ओग़लू को 45 प्रतित मत प्राप्त हुए हैं। एसे में तुर्किये के राष्ट्रपति चुनाव में इस पद के तीसरे प्रत्याशी सीना ओग़ान का महत्व बहुत बढ़ गया है जिनको मात्र 5 प्रतिशत ही वोट मिल पाए हैं। अर्दोग़ान 11 वर्ष तक तुर्किये के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। पिछले 9 वर्षों से वे इस देश के राष्ट्रपति पद पर हैं।
तुर्किये में मतदाताओं को प्रत्याशियों के आर्थिक वादे ही अधिक प्रभावित कर रहे हैं। यह बात तो स्पष्ट हो चुकी है कि पिछले कुछ वर्षो के दौरान रजब तैयब अर्दोग़ान की आर्थिक टीम, तुर्किये की बिगड़ती आर्थिक स्थति को सुधारने में लगभग पूरी तरह से विफल रही है। इस दौरान अर्दोग़ान ने सुधार के कई अवसर गंवाए भी हैं।
इसी बीच महत्वपूर्ण बात यह है कि रजब तैयब अर्दोग़ान के दो महत्वपूर्ण साथी अलीबाबा जान और अहमद दाऊद ओग़लू, जिन्होंने विगत में तु्र्किये की आर्थिक दृष्टि से और वहां की विदेश नीति को नई राह दी थी अलग होकर उनके प्रतिद्वदवी कमाल किलिचदार ओग़लू की टीम में शामिल हो चुके हैं। एसे में दूसरे चरण में अर्दोग़ान के प्रतिद्वंदवी की विजय की संभावना बढ़ चुकी है।
तुर्किए, 26 लाख वोट ज़्यादा हासिल करके भी अर्दोगान नहीं जीत पाए राष्ट्रपति चुनाव, 28 मई को फिर होगा मतदान
तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन और उनके प्रतिद्वंद्वी कमाल किलिचदारोगलू में से कोई भी 50 फ़ीसद से ज़्यादा वोट हासिल नहीं कर सका, इसलिए 28 मई को फिर से वोट डाले जायेंगे।
अर्दोगान को वर्षों बाद चुनावों में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा, जहां उनके प्रतिद्वंद्वी ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करते हुए उन्हें कड़ी टक्कर दी।
अर्दोगान को 49.04 फ़ीसदी वोट मिले हैं, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कमाल किलिचदारोगलू को 45 फ़ीसदी वोट प्राप्त हुए हैं।
तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव के साथ ही संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए, जिसमें अर्दोगान की सत्ताधारी एकेपी और उसकी सहयोगी एमएचपी ने फिर से बहुमत हासिल कर लिया है।
हालांकि चुनाव में अर्दोआन की पार्टी एकेपी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। पार्टी को कुल 35 फ़ीसद वोट मिले हैं, जो 2022 के बाद से पार्टी का सबसे ख़राब प्रदर्शन है।
कुल 600 संसदीय सीटों में से अर्दोआन की पार्टी को 267 सीटें मिलने की उम्मीद है। यह पिछली बार हासिल की गई सीटों से 28 कम हैं। लेकिन गठबंधन की वजह से सत्ताधारी पार्टी ने बहुमत हासिल कर लिया है।
कमाल किलिचदारोगलू ने दावा किया है कि 28 मई को होने वाली वोटिंग के नतीजे उनके पक्ष में आयेंगे और अगले राष्ट्रपति वही बनेंगे।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हमारे राष्ट्र ने अगले चरण के लिए मैनडेट दिया है, तो इसका मतलब है कि हम निश्चित रूप से अगला चरण जीतने जा रहे हैं।
वहीं अर्दोगान का कहना था कि पहले चरण के चुनाव में वह अपने प्रतिद्वंद्वी से कहीं आगे हैं। उन्हें 2.6 मिलियन वोट ज़्यादा प्राप्त हुए हैं।