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देख के हम उन्हें बेजुवां हो गए, बिन कहे दर्द मेरे बयां हो गए….झरना माथुर की एक ग़ज़ल और सावन गीत!
Jharna Mathur Blogger Lives in Dehra Dun, India From Bareilly =============== ग़ज़ल देख के हम उन्हें बेजुवां हो गए बिन कहे दर्द मेरे बयां हो गए फासले दरमियां इस तरह से बढ़े इश्क़ में उसके फिर इम्तिहाँ हो गए साथ हैं वो मिरे ये यकीं था मुझे क्यों वफ़ा के अजब से गुमां हो गए […]
और फिर मैं कानपुर तक उसका हाथ पकड़ कर बैठी रही।।
दिल से पढीयेगा पसंद आएगी 🙏🙏 जीवन की एक कसक …💕… ट्रेन चलने को ही थी कि अचानक कोई जाना पहचाना सा चेहरा जर्नल बोगी में आ गया। मैं अकेली सफर पर थी। सब अजनबी चेहरे थे। स्लीपर का टिकिट नही मिला तो जर्नल डिब्बे में ही बैठना पड़ा। मगर यहां ऐसे हालात में उस […]
*ये शर्मिंदा होने का नया दौर है*….उन्होंने नग्नता को सदा बनाया अपना अचूक अस्त्र—डॉ. शैलजा दुबे
डॉ. शैलजा दुबे ============== * ये शर्मिंदा होने का नया दौर है * उन्होंने नग्नता को सदा बनाया अपना अचूक अस्त्र और वे हथेलियों को बनाती रहीं वस्त्र ढकती रहीं अपने वक्ष या जंघाओं का मध्यस्थल तमाशबीन लोग थोथा थू थू करते लेते रहे नयन सुख क्योंकि स्त्री की नग्नता है सबसे बड़ा सुख स्त्री […]