बांस रोड पाली से पकड़े गए अब्दुल रहमान (19) को आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अयोध्या राम मंदिर पर हमला करने के लिए तैयार किया था। जांच एजेंसी से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आतंकी संगठन आईएसआईएस की क्षेत्रीय शाखा इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रांत ने इस हमले की साजिश रची और ब्रेनवॉश कर अब्दुल रहमान व अन्य को अयोध्या में मस्जिद की जगह बन रहे मंदिर को लेकर धार्मिक भावनाएं भड़काते हुए मंदिर पर हमले के लिए तैयार किया। आईएसआईएस की ये शाखा पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है।
आतंकी को फैजाबाद ले जाने का प्लान
सोमवार दोपहर बाद लगभग साढ़े चार बजे एसटीएफ पलवल व एटीएस गुजरात की संयुक्त टीम ने यूपी फैजाबाद निवासी अब्दुल रहमान को फरीदाबाद जिला अदालत में पेश किया। यहां से पूछताछ के लिए उसे 10 दिन के रिमांड पर लेकर टीम पलवल एसटीएफ यूनिट पहुंची। एसटीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस की संयुक्त टीम को यूपी फैजाबाद में अब्दुल रहमान के घर की तलाशी के लिए भेजा गया है, ताकि इसके घर से भी जरूरी सबूत इकट्ठे किए जा सकें। अब पलवल एसटीएफ यूनिट से आतंकी को शुरुआती पूछताछ के बाद फैजाबाद ले जाने का प्लान है।
कई महीने से आतंकी संगठन के संपर्क में था
केस की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अब्दुल रहमान बीते कई महीने से आतंकी संगठन के संपर्क में था। सोशल मीडिया फेसबुक के जरिये इससे संपर्क किया गया, जिसके बाद इसे एक ग्रुप में शामिल किया गया। ग्रुप में धर्म विशेष को लेकर आहत करने वाली वीडियो शेयर की जाती थी, जिसके बाद ग्रुप के लोगों को अलग-अलग व्यक्ति कुछ रिकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश भी भेजते थे। इन संदेश में अब्दुल रहमान और इसके जैसे अन्य युवाओं को कहा जाता था कि तुम्हारे ऊपर अयोध्या में जुल्म हुआ है और अब तुम्हें इसका बदला लेना है। इसी तरह इन्हें हमले के लिए तैयार किया गया।
मोबाइल में मिलीं राम मंदिर और उसके आस-पास की वीडियो
आरोप है कि आतंकी संगठन के कहने पर अब्दुल ने राम मंदिर और उसके आस-पास की रेकी कर वहां की वीडियो बनाई। कई सारी वीडियो इसने आतंकी संगठन के साथ साझा भी की थी। इसके पास से मिले मोबाइल से भी इस तरह की वीडियो बरामद होने की बात कही जा रही है। रेकी की कार्रवाई पूरी होने के बाद अब हमले की तैयारी जोरों पर चल रही थी। इसी के तहत अब इसे हैंड ग्रेनेड लेने के लिए भेजा गया था।
आतंकी संगठन के अगले आदेश के आने का इंतजार कर रहा था
हैंड ग्रेनेड लेने के बाद अब ये आतंकी संगठन के अगले आदेश के आने का इंतजार कर रहा था, लेकिन उससे पहले ही आईबी, गुजरात एटीएस को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने अपने सूत्रों से इसकी की फोटो भी अरेंज कर ली। इसके बाद जानकारी को पलवल एसटीएफ से साझा कर रविवार को सभी टीमों ने मिलकर आतंकी को फरीदाबाद के बांस रोड पाली से गिरफ्तार कर लिया।
अब्दुल की कहानी; जिसे एसटीएफ ने दबोचा
अब्दुल रहमान मूल रूप से अयोध्या के इनायत नगर कोतवाली क्षेत्र के मंजनाई गांव का रहने वाला है। उसकी मां यास्मीन ने बताया कि अब्दुल का जन्म 28 अगस्त 2005 को हुआ था। उसने मनीराम यादव इंटर कॉलेज, मंजनाई में ही 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की। वह पांचों वक्त नमाज पढ़ता था। बचपन में उसके दिल में छेद हो गया था। अहमदाबाद में उसका ऑपरेशन कराया गया था। अब्दुल अपनी तीन बहनों आसमा (15), अल्फिया (12) और अल्फिसा (6) में अकेला भाई है और सबसे बड़ा है।
मां ने बताया कि वह ई-रिक्शा चलाता था। इस बीच घर पर रहकर कुछ न कुछ बनाता रहता था। बताया गया कि करीब छह महीने पहले वह गांव से अयोध्या शहर पहुंचा। वहां अयोध्या कैंट के पुरानी सब्जी मंडी निवासी मौलाना उस्मान हजरत के संपर्क में आया।
अब्दुल रहमान
बताया गया कि इसी बीच वह दिल्ली के रास्ते विशाखापट्टनम पहुंचा। वहां उसने जमात का दामन थामा। फिर करीब चार महीने बाद लौटा। इसी बीच वह आतंकी संगठनों के संपर्क में आ गया। मां ने बताया कि उसने एक मार्च को घर पर कहा कि वह दिल्ली में रहने वाले किसी दोस्त से मिलने जा रहा है। अब उसकी गिरफ्तारी की खबर आई है।
मां यास्मीन ने बताया कि अब्दुल के पिता अबु बकर पहले सूरत में रहते थे। अब वह गांव में ही रहकर चिकन शॉप चलाते हैं। अबु बकर के भाई जावेद, उम्मर, उस्मान और साद अभी भी सूरत में रहते हैं। बताया कि पुलिस अब्दुल के पिता अबु बकर को अपने साथ ले गई है। बैंक पासबुक सहित अन्य कुछ कागजात भी ले गई है। उन्होंने बेटे को झूठे केस में फंसाए जाने की भी बात कही।
अब्दुल रहमान की मां यास्मीन और पिता अबु बकर