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बुआ जी….मुंडन संस्कार की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई थी, बस एक बुआ ही थीं, जो नहीं आईं थीं!
चित्र गुप्त =============== बुआ जी ****** घर में मध्यम दर्जे की गहमागहमी का माहौल था। उल्लास में फूला ने सुबह से ही पूरा घर सिर पर उठा रखा था। गिनती के कुछ रिश्तेदार दुआर पर खटिया डाले बैठे हुए थे। अखंड रामायण का पाठ थोड़ी देर पहले ही समाप्त हुआ था। हवन कराने के लिए […]
यूँ भी तो कुछ लोग गुज़ारा करते हैं…..समीक्षा सिंह की रचनायें पढ़िये!
Samiksha Singh =========== अगर हम मुहब्बत का अंजाम लिखते तो’ हर हर्फ़ में दर्द का नाम लिखते वफ़ा की ज़रूरत कहाँ अब किसी को यही सिर्फ दुनियाँ में बदनाम लिखते ख़ता – ए – खुदाई भला छोड़ दें क्यों रहा सब खुदा का ही इलज़ाम लिखते कभी भी, किसी से, न करना मुहब्बत यही आख़िरी […]
”नए आये साहब” ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये
चित्र गुप्त ============== नए आये साहब ************ नए आये साहब ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये। साहब का आग बबूला होना ही उनके बड़े पद का परिचायक होता है। पहले तो सब कर्मचारियों ने यही सोचा था लेकिन थोड़ी देर बाद ही उनको अपनी गलती […]