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एक इजाज़त दे दो बस, जब इसको दफ़नाऊँगी…
गाड़ी में जैसे ही fm ऑन किया सागर फ़िल्म के गीत के ये बोल बज रहे थे…. सुनते थे हम ये ज़िन्दगी ग़म और ख़ुशी का मेल है हमको मगर आया नज़र ये ज़िन्दगी वो खेल है कोई सब जीते सब कोई हार दे अपनी तो हार है यार मेरे हाँ यार मेरे…… हमारी कॉलेज […]
प्रेमपत्र अपनी जगह पहुँच गया!
Kavita Krishnapallavi ============== · प्रेमपत्र अपनी जगह पहुँच गया! ‘आइडेंटिटी पॉलिटिक्स’ की गलियों से होते हुए भगवा कर्तव्य-पथ (यानी राजपथ) तक पहुँचे भूतपूर्व “वामपंथी” कवि और समाजशास्त्री प्रोफेसर बद्रीनारायण को इस वर्ष का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला! यह फल तो उनके झोले में टपकना ही था! भक्ति व्यर्थ नहीं जाती! भगवान के घर देर है […]
‘पापा की परी’ सुनने में बड़े अच्छे लगते हैं, लेकिन इन अंध भक्तों से तो भगवान ही बचाए….
Laxmi Kumawat ====================== * बहु चाहिए, पापा की परी नहीं* रविवार का दिन था। आज सचिन और सुजॉय दोनों की ही छुट्टी थी। दोनों अभी-अभी हॉल की सफाई कर वही सोफे पर पसर गए थे। घर में ले देकर तीन जीव ही तो रहते थे सचिन, उसकी पत्नी संध्या और शादी लायक बेटा सुजॉय जो […]