देश

तलाक़ और हलाला पर मीडिया के द्वारा फैलाये जारहे झूठ को रोकने के लिये बरेलवी मसलक ने लिया बड़ा फैसला

बरेली: टीवी और मीडिया में छाये हुए निदा खान के मुद्दे पर अब मसलक आला हजरत का केंद्र समझे जाने वाली दरगाह आला हजरत के दारुल इफ्ता से आये फतवे के बाद देश भर में बहस जारी है। इन सबके बीच दीनी मालूमात देने के मस्जिदों से तलाक और हलाला जैसे मुद्दों पर इमाम तकरीर करेंगे।

जिससे कि लोगों के बीच फैली गलतफहमी दूर हो सके। खासतौर पर जुमे की नमाज के पहले नमाजियों को तलाक और हलाला के विषय में जागरूक किया जाएगा।

सुन्नी बरेलवी मसलक की तमाम मस्जिदों में इसका पालन करने का निर्देश जारी किया गया है। जमात रज़ा मुस्तफा ने इसका ऐलान किया है।

शहर से देहात तक बरेलवी सुन्नी मसलक की करीब 1600 मस्जिद हैं जिनमें नमाज के वक्त इमामों को इस विषय में तकरीर करने के निर्देश दिए गए हैंं।

घर घर जाकर बताएंगे नमाजी

तीन तलाक और हलाला जैसे तमाम मजहबी मसले के बारे लोगों को जानकारी नहीं है। दरगाह आला हजरत के जिम्मेदारों ने इसकी सही जानकारी देने के लिए मस्जिदों से शुरुआत की है।

अब जुमे की नमाज के पहले मस्जिद के इमाम नमाजियों को शरीयत के बारे में जानकारी देंगे। जिसमें खासतौर पर तलाक और हलाला की जानकारी दी जाएगी।

मस्जिद में नमाज के लिए आने वाले नमाजी भी घर आने के बाद अपने बच्चों और बीवी को भी इसकी जानकारी देंगे।

क्या है मकसद

जमात की इस पहल का मकसद है कि मुस्लिम पुरुष और महिलाओं को उनके अधिकार पता चल सकें इसके साथ ही उन्हें तलाक और हलाला जैसे मामलों की जानकारी दी जाएगी। शरीयत में तलाक का क्या तरीका है इसके बारे में लोगों को जानकारी मिलेगी जिससे लोग जागरूक होंगे।

क्योंं हुई जरूरत ?

इस समय तीन तलाक का मुद्दा गर्म है और तलाक के कई मामले सामने आ चुके हैं और लोग जरा जरा सी बात पर अपनी बीवियों को तलाक दे देते हैं जबकि उन्हें तलाक का सही तरीका नहीं मालूम है जिसके कारण तलाक के मामले बढ़ते जा रहे हैं और इन तलाक को लेकर विवाद भी पैदा हो रहा है।

निदा को इस्लाम से खारिज करने पर बढ़ी बहस

तलाक पीड़ित निदा खान को तलाक पीड़ित महिलाओं की मदद करने के लिए फतवा जारी कर उसे इस्लाम से खारिज कर दिया गया जिसके बाद तलाक को लेकर देश भर बहस छिड़ गई है, अब जुमे की नमाज में इमाम नमाजियों को शरीयत की जानकारी देंगे।