तमिलनाडु की धर्मपुरी लोकसभा सीट से राज्य में सत्तारूढ़ DMK के सांसद एस सेंथिल कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
इस वीडियो में सांसद एक सरकारी कार्यक्रम में हिंदू रीति रिवाज से भूमि पूजन पर सवाल उठाते हुए दिख रहे हैं.
दरअसल, धर्मपुरी ज़िले के अलापुरम झील को फिर से तैयार करने की एक परियोजना के शिलान्यास का कार्यक्रम था और ये वीडियो इसी घटना से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है.
तमिलनाडु के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था और इसकी शुरुआत भूमि पूजन से होनी थी.
डीएमके सांसद एस सेंथिलकुमार ने इसकी आलोचना की. उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से सरकारी कार्यक्रम में धार्मिक समारोह करने के औचित्य पर सवाल पूछा.
जब ये सब कुछ हो रहा था तो पूरा वाक़या वीडियो में दर्ज हो गया और फिर वायरल हो गया.
वीडियो में सेंथिलकुमार पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से ये सवाल पूछते दिख रहे हैं, “सरकारी कार्यक्रमों में धार्मिक समारोहों पर रोक की घोषणा के बावजूद पूजा-पाठ के लिए इंतज़ाम क्यों किए गए हैं?”
दिलचस्प बात ये है कि सेंथिलकुमार ने खुद ही इसका वीडियो अपने सोशल मीडिया पेज पर शेयर किया है.
ஒரு அளவுக்கு மேல் என் பொறுமையை சோதிக்கிறார்கள்.
Trying to Keep my cool.
At times they make me to lose my patience. pic.twitter.com/l1gHdhYkQa— Dr.Senthilkumar.S (@DrSenthil_MDRD) July 16, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
इसके बाद बहुत से लोग सेंथिलकुमार के समर्थन में भी सामने आए हैं.
वीडियो में सेंथिलकुमार ये मुद्दा भी उठाते हैं कि धार्मिक समारोह हिंदू रीति रिवाज से किया जा रहा था. उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से पूछा कि ईसाइयों, मुसलमानों और नास्तिक या ग़ैर-धार्मिक लोगों को इस कार्यक्रम के लिए क्यों नहीं बुलाया गया है.
Sharath
@sharath2692
·
16 जुल॰ 2022
@DrSenthil_MDRD को जवाब दे रहे हैं
One question sir – Why should “kadavul nambikkai illadhavargal” be invited to a ritual? Wouldn’t they be bored?
Dev
@Devatrz
·
फ़ॉलो करें
What He meant is,.
All beleifs must be respected not any particular..Govt is for All ( Secular)
Hindu
Christian
Muslim
Atheist etc etc
सेंथिलकुमार ने अधिकारियों से ये सवाल भी पूछा कि क्या उन्हें सरकारी कार्यक्रम आयोजित करने के प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी है? इस पर अधिकारियों ने जवाब दिया कि कार्यक्रम की योजना मंत्री की मंज़ूरी के बाद ही बनाई गई थी.
ஒரு அளவுக்கு மேல் என் பொறுமையை சோதிக்கிறார்கள்.
Trying to Keep my cool.
At times they make me to lose my patience. pic.twitter.com/l1gHdhYkQa— Dr.Senthilkumar.S (@DrSenthil_MDRD) July 16, 2022
इसके बाद सेंथिलकुमार ने अधिकारियों से पूछा, “इसकी मंज़ूरी किसने दी थी? क्या मुख्यमंत्री स्टालिन की मौजूदगी में होने वाले कार्यक्रमों में भी ऐसे ही धार्मिक समारोह आयोजित किए जाते हैं?”
इसके बाद वे वहां मौजूद लोगों की तरफ़ मुड़ते हुए हैं और उनसे पूजा-पाठ के लिए लाई गई चीज़ों को हटाने के लिए कहते हैं.
सेंथिलकुमार की दलील
बीबीसी तमिल ने सेंथिलकुमार से इस घटना के बारे में पूछा और उनसे जानने की कोशिश की कि वे नाराज़ क्यों हो गए थे?
सेंथिलकुमार बताते हैं, “मैंने कई बार ये बात ज़ोर देकर कही है कि सरकारी समारोहों में किसी एक धर्म विशेष से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए. इस वजह से मैं कई बार ऐसे कार्यक्रमों से बाहर निकल आया हूं.”
“ये घटना इस बार लोगों का ध्यान इसलिए अपनी ओर आकर्षित कर रही है क्योंकि इसका वीडियो ट्विटर पर पोस्ट किया गया है. हरेक बार मैंने सरकारी अधिकारियों से पूछा है कि उन्होंने अन्य धर्म के लोगों को इसमें क्यों नहीं शामिल किया है.”
“मैंने उनसे ये सवाल भी पूछा है कि किसी धर्म विशेष को ही केंद्र में रखकर कार्यक्रम क्यों आयोजित किए जाते हैं? या तो आप सभी को बुलाएं और एक साथ प्रार्थना करें या फिर पूजा-पाठ से ही बचें. हरेक को इसमें शामिल होना चाहिए. सरकारी समारोहों में पूजा कार्यक्रमों की ज़रूरत ही नहीं है.”
“और अगर आप धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करना चाहते हैं तो सभी को बुलाएं और उन्हें शामिल करें. तमिलनाडु में सरकार द्रविड़ मॉडल से चलाई जाती है. यहां सरकार के कामकाज धर्म का दखल नहीं है.”
ஒரு அளவுக்கு மேல் என் பொறுமையை சோதிக்கிறார்கள்.
Trying to Keep my cool.
At times they make me to lose my patience. pic.twitter.com/l1gHdhYkQa— Dr.Senthilkumar.S (@DrSenthil_MDRD) July 16, 2022