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तमिलनाडु में ‘हिंदी थोपने की कोशिश’ : उदयनिधि स्टालिन ने कहा-कई लोग राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं, लोग अपने बच्चे का नाम तमिल में रखें!

तमिलनाडु में लगातार सियासी पारा चरम पर है। राज्यगान में द्रविड़ शब्द छूटने पर हंगामा शांत नहीं हुआ है। इसे लेकर राज्यपाल आरएन रवि और केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा। अब यहां के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने नवविवाहितों से एक अलग तरह का ही अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि कई लोग राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में आप लोग अपने बच्चे का नाम तमिल में रखें।

क्या है मामला?
मामला एक हिंदी महोत्सव समापन समारोह से जुड़ा है। इस समारोह में ‘तमिल थाई वाज्थु’ गाया जा रहा था। इस दौरान गलती से गीत से द्रविड़ शब्द छूट गया, जिसके बाद सीएम एमके स्टालिन ने इसे तमिल भाषा का अपमान बताया। स्टालिन ने कहा था कि राज्यपाल को ‘द्रविड़ियाई एलर्जी’ है और केंद्र सरकार को तुरंत उन्हें पद से हटाना चाहिए। हालांकि, इसके बाद राज्यपाल ने सफाई दी थी। उनका कहना था कि यह भूल से हुआ था।

डिप्टी सीएम ने यह किया अनुरोध
अब उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ‘मैं नवविवाहितों से अनुरोध करता हूं कि वे अपने बच्चे के लिए एक सुंदर तमिल नाम के साथ आएं। इसकी वजह यह है कि कई लोग तमिलनाडु में हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। वे इसे सीधे नहीं कर सकते थे। यही कारण है कि वे तमिल थाई वाज्थु (राज्य गीत) के कुछ शब्दों को छोड़ रहे हैं।’

‘शिक्षा नीति के तहत हिंदी थोपने की कोशिश’
उन्होंने कहा कि वे नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी थोपने की कोशिश कर रहे हैं। मगर वे इन सब में असफल हो रहे हैं। पहले ही किसी ने तमिलनाडु से राज्य का नाम बदलने की कोशिश की। लेकिन चूंकि पूरे राज्य में आपत्तियां उठाई गई थीं, इसलिए उन्होंने माफी मांग ली थी। अब कुछ लोग तमिल थाई वाज्थु से ‘द्रविड़म’ शब्द को हटाने की बात कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा, ‘जब तक डीएमके का अंतिम कैडर जिंदा है, जब तक अंतिम तमिल जीवित है, कोई भी तमिल, तमिलनाडु और द्रविड़म को छू भी नहीं सकता है। तमिलनाडु कभी भी हिंदी थोपना स्वीकार नहीं करेगा।’

सीएम ने पहले यह लगाया था आरोप
बता दें, पहले सीएम एमके स्टालिन ने सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर राष्ट्रीय गान से इस तरह का कोई शब्द हटाया जाता तो क्या राज्यपाल इसे स्वीकार करते? उन्होंने इस घटना को तमिलनाडु और तमिल भाषा का अपमान बताया और आरोप लगाया कि राज्यपाल रवि ने राज्य की भावनाओं का अनादर किया है। स्टालिन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वे ऐसे व्यक्ति को पद से हटा दें, जो तमिल संस्कृति और कानून का सम्मान नहीं करता।

राज्यपाल के कार्यालय का जवाब: इसे अनजाने में किया गया
हालांकि, राज्यपाल के कार्यालय ने इस आरोप का खंडन किया। उनके मीडिया सलाहकार थिरुग्नाना संबंदम ने कहा था कि यह भूल से हुआ था और राज्यपाल का इसमें कोई हाथ नहीं था। उनके मुताबिक, कार्यक्रम की शुरुआत में गायकों की टीम ने अनजाने में द्रविड़ शब्द छोड़ दिया था। उन्होंने इसे तुरंत आयोजकों के ध्यान में लाने की बात कही और इसे एक सामान्य गलती बताया।

राज्यपाल रवि ने स्टालिन के आरोपों को बताया था ‘नस्लीय’
राज्यपाल रवि ने स्टालिन के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘नस्लीय टिप्पणी’ बताया था। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए और तमिल गीत का सम्मान न करने का आरोप लगाया। रवि ने दावा किया था कि वे हर समारोह में पूरे सम्मान के साथ ‘तमिल थाई वाज़्थु’ गाते हैं और तमिल भाषा को गहराई से सम्मान देते हैं।