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ठेले पर सब्ज़ी बेचने वाली नौहेरा शेख बन गई 17 बड़ी कम्पनियों की मालकिन,500 करोड़ के फर्ज़ीवाड़े में गिरफ्तार,देखिए

नई दिल्ली: दुनियाभर में हीरा ग्रुप के नाम से उभर कर सामने आने वाली कम्पनी की मालिकन नौहेरा शेख की पिछले कई महीनों से मुश्किले बढ़ती जारही हैं जिनके कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा है।

जानकारी के मुताबिक नौहेरा का ताल्लुक एक गरीब परिवार से है जो तिरुपति के दक्षिणी शहर की रहने वाली हैं जहां उनकी माँ सब्ज़ी का ठेला लगाया करती थी,जिनके साथ नौहेरा भी सब्ज़ी बेचा करती थी।

बुर्क़ा में दिखने वाली नौहेरा शेख ने गरीबी से लड़ते हुए भारत की 17 बड़ी कंपनियों की मालकिन बन गई हैं। इस महिला की कंपनियों में दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों के 2 लाख से ज्यादा निवेशक हैं और कुल कारोबार 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

जवानी में खूब तरक्की कर अपना साम्राज्य खड़ा करने वाली नौहेरा शेख नामक यह 45 वर्षीय महिला अब पुलिस के शिकंजे में फस गई है। नौहेरा को कई राज्यों में पोंजी स्कीम चलाने के आरोप में पुलिस ने पकड़ लिया है।

एक गरीब लड़की से अमीर-मजबूत शख्सियत बनी इस महिला ने इतने वर्षों के दौरान बिजनेस मैनजमेंट में डिग्री हासिल कर ली, लड़कियों के लिए मदरसा खुलवाया और यहां तक की कर्नाटक में चुनाव लड़ने के लिए राजनीतिक पार्टी का भी गठन किया।

हालांकि अब नौहेरा शेख का बुरा वक्त शुरू हो गया और इसकी वजह भी वही स्कीम बनी जिसने इसे तरक्की दिलाई।

नौहेरा ने अपनी पोंजी स्कीम के जरिये महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में लोगों को जमा की गई रकम पर 36-42 फीसदी मुनाफा देने के नाम पर खूब निवेशकों को साथ जोड़ा।

इन राज्यों में नौहेरा के दफ्तर और एजेंट तैनात थे। बीते साल साल में हुई इस तरक्की के साथ ही इस स्कीम को हवाला से भी जोड़ा जा रहा है। बीते मई 2018 से नौहेरा रकम वापस करने में नाकाम होने लगी जिससे उसके पास पड़े पैसों के प्रबंधन पर फर्क पड़ने के साथ ही अराजकता फैली और पुलिस में शिकायत हो गई।

अब 500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में मुंबई पुलिस ने नौहेरा को हिरासत में ले लिया है। बीते 25 अक्टूबर को मुंबई पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग ने उसे धरा। इसके लिए शाने इलाही नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस से शिकायत की थी।

बीते कुछ दिनों से देश की खुफिया एजेंसियों ने इस बाबत मुंबई पुलिस से चर्चा की थी। एक जांचकर्ता के मुताबिक नौहेरा की पोंजी स्कीम में पैसे लगाने वाले अधिकांश लोग मुसलमान हैं और उसने ब्याज-मुक्त हलाल वाले काम का वादा किया था।