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टीएमसी नेता कीर्ति आज़ाद की ओर से पीएम मोदी के कपड़ों पर टिप्पणी किए जाने के बाद खड़ा हो गया विवाद!

टीएमसी नेता कीर्ति आज़ाद की ओर से पीएम मोदी के कपड़ों पर टिप्पणी किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है.

बीजेपी नेता उनके ट्वीट को अपमानजनक बता रहे हैं.

मेघालय में कई परियोजनाओं का उद्घाटन करने के लिए पीएम मोदी ने रविवार को राजधानी शिलॉन्ग का दौरा किया था.

इस दौरान उन्होंने राज्य की स्थानीय पोशाक पहनी थी.

पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आज़ाद ने पीएम मोदी की उन कपड़ों में तस्वीर के साथ एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट का स्क्रीन शॉट भी डाला जिसमें ये दिखाया गया था पीएम के कपड़े महिलाओं के हैं.

कीर्ति आज़ाद ने लिखा, ”न नर है न ही है ये नारी, केवल है ये फैशन का पुजारी.”

Himanta Biswa Sarma
@himantabiswa

It is saddening to see how @KirtiAzaad is disrespecting the culture of Meghalaya and mocking our tribal attire. TMC must urgently clarify if they endorse his views. Their silence will amount to tacit support and thus will not be forgiven by the people.

इस ट्वीट पर बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए इसे मेघालय की संस्कृति का अपमान बताया है.

उन्होंने ट्वीट करके लिखा, ”ये देखकर दुख होता है कि कैसे कीर्ति आज़ाद मेघालय की संस्कृति का अपमान कर रहे हैं और आदिवासी वेशभूषा का मज़ाक बना रहे हैं. टीएमसी को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वो उनके (कीर्ति आज़ाद) के विचारों से सहमत हैं. उनकी चुप्पी मौन समर्थन की तरह होगी और लोग उन्हें माफ़ नहीं करेंगे.”

Kirti Azad
@KirtiAzaad
I have not disrespected the
attire, I love it. I am trying to
express that our Prime Minister
loves to makes a fashion statement.
Never misses an opportunity//

BJP Scheduled Tribe Morcha
@BJPSTMORCHA

This is extremely derogatory by all means, Mr Uncouth @KirtiAzaad. This is the tribal attire of Meghalaya which PM @narendramodi ji is respecting by wearing it

बीजेपी आदिवासी मोर्चा ने ट्वीट किया है कि ‘ये हर तरह से अपमानजनक है. ये मेघालय की आदिवासी वेशभूषा है जिसे पहनकर पीएम मोदी जी ने सम्मान दिया है. कीर्ति आज़ाद के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए.’

बीजेपी के इन ट्वीट्स पर जवाब देते हुए कीर्ति आज़ाद ने दो ट्वीट किए.

एक में उन्होंने लिखा, ”अर्धनारीश्वर. हर हर महादेव”

दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”मैंने वेशभूषा का अपमान नहीं किया था. मुझे ये पसंद है. मैं प्रधानमंत्री की फैशन को लेकर रुचि के बारे में बताने की कोशिश कर रहा था.”

Bhagavat Upadhyaya
@BhagavatUpadhy3

Replying to
@himantabiswa
and
@KirtiAzaad
भाई किर्ति जी,
आप आजाद है अपनी जुबान लडाने के लिए और आपकी जुबान तो दिदी के पास गिरवी रखी हुई है, मगर याद रखना चाहिए कि दिदी को हरानेवाला वो शेर आपकी जुबान में हड्डी भी डाल सकता है, अभिव्यक्ति की आझादी का अगर सही ईस्तेमाल नही हुआ तो खत्म क्यों नही करनी चाहिए ।