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टिड्डियों का कोई राजा तो नहीं होता, तौ भी वे सब की सब दल में बाँध-बाँधकर चलती हैं!

सुलैमान के नीतिवचनों से बुद्धि
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नीतिवचन 30:27
टिड्डियों का राजा तो नहीं होता, तौभी वे सब की सब दल बाँध बाँधकर चलती हैं;
यहां सोलह शब्दों में एक शानदार नीतिवचन है। यह सरल, पहेलीनुमा है, और इसमें महान बुद्धि का एक गूढ़ सबक है। टिड्डियां हमें सिखाती हैं कि समूह अलग अलग व्यक्तियों से बेहतर होता है, संख्या और एकता में सामर्थ होती है। बिना किसी अगुवे के, वे एक विशाल और संचालित झुंडों में चलते हैं जो आज भी मनुष्यों को डराते हैं। क्या आप उनकी बुद्धि सीख सकते हैं?


चार छोटे प्राणी आपके जीवन में सफलता के लिए बुद्धि के सामर्थी सबक सिखाते हैं (नीतिवचन 30:24-28)। यहां रेगिस्तान में रहने वाली टिड्डी है, जो इस्राएल के करीब रहती है। प्रभु यहोवा ने आपको बुद्धि की शिक्षा देने के लिए रेगिस्तानी टिड्डी को एक अत्यंत अनोखा स्वभाव दिया, और भविष्यद्वक्ता आगूर ने इस बुद्धि को यहां आपको सीखने के लिए उजागर किया (नीतिवचन 30:1)। क्या आप एक छोटे प्राणी से सीखेंगे?

रेगिस्तानी टिड्डी सामान्य तौर पर बहुत अकेला, शांत, व्यक्तिगत और एकांत का जीवन जीते हैं। अपने संक्षिप्त संभोग मुलाकातों के अलावा वे अत्यधिक शर्मीले होते हैं। वे रात में उड़ते हैं और एक दूसरे से बचते हैं, अकेले रहने में वे अत्यंत संतुष्ट होते हैं। वे स्वभाव से आलसी होते हैं, परंतु काफी हानिरहित होते हैं। लेकिन जब उन्हें दूसरी टिड्डियों के साथ भीड़ वाली स्थिति में डाल दिया जाता है, तो आदर्श पारिस्थितिक परिस्थितियों या भोजन की खोज के कारण, उनमें बड़ा बदलाव आता है और वे अत्यधिक सामाजिक प्राणी बन जाते हैं।

व्यक्तित्व में यह मौलिक बदलाव उनकी अनोखी विशेषता है। इसके अतिरिक्त, उनके शरीर और रंग का बदलना उनके नए स्वभाव को दिखाते हैं। अब वे एक साथ झुंड बनाना चाहते हैं, और वे ऐसा अत्यंत समन्वय तरीके से करते हैं जिसमें कभी-कभी अरबों टिड्डियां सहभागी होती हैं। यह बदलाव इतना बड़ा होता है कि हाल तक उन्हें दो अलग-अलग प्रजातियों के रूप में समझा जाता था!


वैज्ञानिक तौर पर, अपने विशिष्ट और एकांत प्रिय स्वभाव वाले टिड्डे को एकान्तवासी कहा जाता है। जब इसमें एक बड़ा व्यक्तित्व बदलाव आता है और एक अत्यंत उत्सुक सामाजिक प्राणी बन जाता है, तो इसे वैज्ञानिक तौर पर संघचारी कहा जाता हैं। हम किसी ऐसे व्यक्ति का वर्णन करने के लिए ‘हम स्वयं’ शब्द का उपयोग करते हैं जो अत्यंत मित्रभावी, सामाजिक, संवादात्मक होता है और सामुहिक गतिविधियों का आनंद उठाता है।

केवल तीन इंच लंबी और दो ग्राम वजन रखने वाली अकेली टिड्डी अपने वजन की बराबरी का खाना प्रतिदिन खा सकती है। उनकी अधिकतम गति 20 मील प्रति घंटे के करीब है, और वे एक दिन में 75 मील की दूरी तय कर सकते हैं। कुछ दूसरी टिड्डियों के साथ, वे एक देश को बर्बाद कर सकते हैं, और उनकी राह में आने वाली अधिकांश खाने लायक चीज़ों को भक्ष्य बना लेते हैं।

सन 1889 में, टिड्डियों के 2000 वर्ग मील यात्रा करने वाले टिड्डियों के झुंड ने लाल समुद्र पार किया, और अनुमान लगाया गया था कि उनका वचन 500,000 टन था और उसमें 250 अरब टिड्डियां थीं। झुंड आज भी आते हैं और उत्तर आफ्रिका से एशिया तक खेत को गम्भीर खतरा होता है।


धन्य परमेश्वर ने इन प्राणियों को अपनी सेना कहा है, और उसने बड़े विस्तार से उनके चरित्र और हानिकारक क्षमता को वर्णित किया है (योएल 1:4-7; 2:1-11, 25)। एक समय उसने अपनी सेना को मिस्र में भेजा ताकि फिरौन को उसके लोग इस्राएलियों को कनान देश जाने की अनुमति देने के लिए प्रोत्साहित करे। परिणाम हानिकारक थे (निर्गमन 10:3-6, 12-19)। उन्होंने सूर्य को अंधकारमय कर दिया और हर एक हरी वस्तु खा गए। वह टिड्डियों को आज्ञा देता है (2 इतिहास 7:13)। और उसने समाज के उनके बड़े उपयोग को उत्पन्न किया।

शिक्षित होने की बुद्धि संख्या और एकता का लाभ है। समाज व्यक्तिगतता से बेहतर है। सुलैमान ने सिखाया, “एक से दो अच्छे हैं – और जो डोरी तीन तागे से बटी हो वह जल्दी नहीं टूटती” (सभोपदेशक 4:9-12)। अच्छा जीवनसाथी पाया हुआ व्यक्ति जानता है कि विवाह अवश्य ही अकेले रहने से बेहतर है (उत्पत्ति 2:18; सभोपदेशक 9:9)। यह तथ्य बुद्धिमान पुरुषों के लिए स्पष्ट है, चाहे आशीषों और अकेले जीवन के गुण के बारे में आधुनिक बकवास कुछ क्यों न हो।

मानव-समाज या व्यक्तियों का एक समूह में इकट्ठा होने के चार लाभ हैं (सभोपदेशक 4:9-12)। सबसे पहले, वे परिश्रम और सम्पन्नता के लाभों को बांट सकते हैं। दूसरा, जब एक को परेशानियां होती हैं, तो दूसरे उसकी मदद कर सकते हैं। तीसरा, उनकी अलग-अलग क्षमताएं सहक्रियाशील होती हैं और उनके परिणामस्वरूप बड़ी फलदायकता प्राप्त होती है। और चौथा, वे बड़े से बड़े शत्रुओं के विरोध में अपनी रक्षा कर सकते हैं।

अकेले में रहने वाले हारे हुए हैं, क्योंकि व्यक्तित्ववाद का उनका चुनाव उनकी निरंतर हीनता की भावना का आश्वासन देता है। परमेश्वर ने मनुष्य की क्षमता को अधिकत्तम बनाने के लिए मानव-समाज को चुना है। विवाह अकेले व्यक्ति के लिए एक अद्भुत आशीष है; परिवार एक महिमामय सामाजिक र्इकार्इ है, यही बात कम्पनियों, राष्ट्रों, और कलीसियाओं के साथ है। समूह की जीवन शक्ति के लिए विचारपूर्वक आदर आवश्यक बुद्धि है।

टिड्डियों से स्थानीय कलीसिया का उद्देश्य देखें। मसीही समूह के बड़े लाभों के लिए सामान्य समाज में एक साथ शामिल हो जाते हैं। सुलैमान के चार कारणों के द्वारा, वे आत्मिक रीति से फल-फूल सकते हैं जब वे एक दूसरे का इस्तेमाल करते हैं। और प्रेरितों ने इस तथ्य को सिखाया है (प्रेरितों के काम 2:42-47; रोमियों 15:1-7,13-14; 1 कुरिन्थियों 12:13-27; गलातियों 6:1-2; इफिसियों 4:16; 1 थिस्सलुनीकियों 5:14; इब्रानियों 3:12-13)।

जो परमेश्वर की र्इश्वरीय बुद्धि को तुच्छ समझते हैं और मंडलियों को नज़रअंदाज़ करते हैं वे स्वार्थी पुरुष हैं और शरीर के लिए खतरनाक हैं। उन्हें उसकी सहभागिता से हटा दिया जाना चाहिए, वे प्रतिकूल उबाऊ व्यक्ति है (इब्रानियों 10:23-25; 2 थिस्सलुनीकियों 2:15; 3:6)। प्रत्येक सच्चे मसीही की सबके लाभ के लिए खरार्इ और समस्त शरीर की जीवनशक्ति को बनाए रखने की ज़रूरत है।

आप निकट और एकीकृत कलीसिया की ज़रूरत भी देख सकते हैं। जो कलीसिया अपने आपमें बटी है उससे क्या लाभ? वह अवश्य ही गिर जाएगी जैसा यीशु ने सिखाया (मत्ती 12:25)। परिवार, शहर, या राज्य में विभाजन अवश्य ही विनाश को ले आएगा, इसलिए कलीसिया को एकजुट होना चाहिए (1 कुरिन्थियों 1:10)। परमेश्वर फूट डालने वालों से घृणा करता है, और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए (नीतिवचन 6:16-19; मत्ती 18:17; रामियों 16:17-18)।
आप दूसरों के बारे में कैसा महसूस करते हैं इस पर ध्यान न देते हुए, आप अपने आपमें बहुत कुछ या बहुत अच्छा नहीं कर सकते, जैसा आप दूसरों की सहायता से करते हैं। और बदले में आप बहुत खुश होंगे, क्योंकि विश्वासियों की सामुहिक शक्ति में एक बड़ा आनंद है, विशेषकर तब जब पवित्र आत्मा की सामर्थ से सहायता मिलती है (भजन 133:1-3। परमेश्वर और टिड्डियां खरी रहें!

वाचक, क्या आपके पास टिड्डियों की बुद्धि है? क्या आप मानव समाज के मूल्यों को समझते हैं? क्या आप अपने विवाह का अधिकत्तम लाभ उठा रहे हैं? अपने परिवार को बढ़ावा दे रहे हैं? अपनी कलीसिया का निर्माण कर रहे हैं? अपनी संगति बढ़ा रहे हैं? अपने राष्ट्र में एकता ला रहे हैं? क्या आप जानते हैं कि समूह की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आपकी व्यक्तिगत प्रवृत्तियों में बदलाव कैसे लाएं? टिड्डियां ये बातें सिखाती हैं, और उन्हें करने के लिए उन पर बल देने हेतु उसे राजा की ज़रूरत नहीं होती। उनके सृजनहार के प्रति उनकी आज्ञाकारिता के द्वारा वे ऐसा कर पाते हैं।