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झुंझुनू : भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी के ख़िलाफ़ पूर्व विधायक और शिवसेना नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने मोर्चा संभाला : रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव में शेखावाटी की तीनों लोकसभा सीटों पर जहां मुकाबला दिलचस्प होने की ओर है। वहीं, झुंझुनू लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसमें उदयपुरवाटी से पूर्व विधायक और शिवसेना नेता राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अब एंट्री कर ली है। सोशल मीडिया पर भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी के खिलाफ जनसंपर्क के कार्यक्रम के पोस्टर भी शेयर किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से शुभकरण चौधरी के खिलाफ जनसभाओं का भी आगाज कर दिया है।

पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपने सोशल मीडिया पर अपने जनसंपर्क के कार्यक्रम के साथ जनसभाओं के फोटो साझा किए। साथ ही लिखा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के द्वारा झुंझुनू संसदीय क्षेत्र में शुभकरण चौधरी जैसे जातिवादी, भ्रष्टाचार, टोल माफिया और दलित विरोधी नेता को लोकसभा का टिकट दिया जाना कतई बर्दाश्त नहीं है। झुंझुनू से भाजपा लोकसभा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी के द्वारा सार्वजनिक मंच पर राजपूत समाज, गुर्जर समाज और अन्य समाजों के खिलाफ अनर्गल तथा विवादित टिप्पणी करना, इनकी जातिवादी एवं संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।

गुढ़ा ने आगे लिखा कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद शुभकरण चौधरी द्वारा राजनैतिक द्वेषता के चलते, राजपूत समाज, सैनी समाज, चौधरी समाज, दलित समाज और गुर्जर समाज के कर्मचारियों के ट्रांसफर के लिए भेजी गई डिजायर में इनकी अन्य समाजों के प्रति दुर्भावना को दर्शाता है। इस तरह के जातिवादी और संकीर्ण मानसिकता के प्रत्याशी की मैं कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कड़ा विरोध करता हूं।

पूर्व विधायक गुढ़ा भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी के खिलाफ मतदान करने के लिए लोगों में अपील कर रहे हैं। वहीं, गुढ़ा ‘मोदी तुमसे बैर नहीं, जातिवादी जनप्रतिनिधि शुभकरण चौधरी तेरी खैर नहीं’ का नारा भी बुलंद कर रहे हैं।

गौरतलब है कि भाजपा प्रत्याशी शुभकरण चौधरी ने कल अपने झुंझुनू स्थित कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित कर कहा था कि लोगों को गुमराह करने के लिए कुछ लोगों द्वारा गलत और भ्रम पूर्ण बातें सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं। और सभी समाजों की तरह राजपूत समाज भी मेरे लिए सम्माननीय है। वहीं, इन दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से खींचतान चलती आ रही है। उनके बीच की खींचतान इस लोकसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएगी, चुनाव के नतीजे निर्धारित करेंगे। लेकिन सोशल मीडिया पर राजपूत समाज, गुर्जर समाज और सैनी समाज के लोगों द्वारा भी अलग-अलग प्रकार की पोस्ट और वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिसके चलते राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।