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झारखंड : IAS अधिकारी सिंघल को मनरेगा कोष से कमीशन का भुगतान किया

ईडी ने मई में सिंघल और अन्य के परिसरों पर छापा मारा था। झारखंड खनन सचिव का प्रभार संभाल रही नौकरशाह को ईडी की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को झारखंड की निलंबित आईएएस अधिकारी सिंघल मामले में बड़ा दावा किया। ईडी ने कहा कि पूजा सिंघल को खूंटी जिले के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) कोष से कमीशन दिया गया। यह भुगतान अधीनस्थ कर्मचारियों की ओर से किया गया। ईडी ने कहा कि कमीशन का इस्तेमाल सिंघल और उनके पति ने विभिन्न संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए किया। जांच एजेंसी ने यह आरोप पीएमएलए कोर्ट के सामने उनके और पांच अन्य के खिलाफ दायर आरोप-पत्र में लगाए हैं। कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की शिकायत पर मंगलवार को संज्ञान लिया।

आरोप-पत्र में इनके नाम

  • आईएएस अधिकारी सिंघल
  • उनके व्यवसायी पति अभिषेक झा
  • कार्यकारी अभियंता जयकिशोर चौधरी
  • कार्यकारी अभियंता शशि प्रकाश
  • सहायक अभियंता आरके जैन
  • सिंघल दंपति के चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन कुमार

सीए सुमन कुमार को किया था गिरफ्तार
इससे पहले सीए सुमन कुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया गया था। मामला मनरेगा के कोष में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। उस वक्त सिंघल खूंटी की उपायुक्त थीं। गिरफ्तार किया गया एक अन्य आरोपी पूर्व कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा भी उस जिले में तैनात थे। ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि राम बिनोद प्रसाद सिन्हा और अन्य इंजीनियरों द्वारा (आईएएस) पूजा सिंघल को धनराशि की मंजूरी के संबंध में कमीशन का भुगतान किया गया था।

मई में ईडी ने की थी छापेमारी
ईडी ने मई में सिंघल और अन्य के परिसरों पर छापा मारा था। झारखंड खनन सचिव का प्रभार संभाल रही नौकरशाह को ईडी की गिरफ्तारी के बाद राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था। एजेंसी ने छापेमारी के बाद 19.76 करोड़ रुपये नकद, जगुआर एफ पेस और टोयोटा फॉर्च्यूनर सहित चार वाहन, कई संबंधित दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए थे। ईडी ने सिंघल को झारखंड में कथित अवैध खनन से भी जोड़ा है।