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जोधपुर : अनीता चौधरी के शव का पोस्टमॉर्टम तीन दिन बाद भी नहीं हो सका है, उनका शव छह टुकड़ों में मिला था : रिपोर्ट

जोधपुर के सरदारपुरा थाना इलाके़ में ब्यूटी पार्लर चलाने वाली अनीता चौधरी के शव का पोस्टमॉर्टम तीन दिन बाद भी नहीं हो सका है. उनका शव छह टुकड़ों में मिला था.

अनीता चौधरी का परिवार मुख्य अभियुक्त ग़ुलामुद्दीन फ़ारूख़ी की गिरफ़्तारी और मुआवजे़ की मांग को लेकर धरने पर बैठा है.

अनीता का शव ग़ुलामुद्दीन के घर के बाहर ही दफ़नाया गया था, जिसे पुलिस ने अभियुक्त की पत्नी आबिदा परवीन की निशानदेही पर बरामद किया. शनिवार को आबिदा को हत्या की साज़िश में शामिल होने, सबूत छिपाने और उन्हें नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

जोधपुर पश्चिम के एडिशनल डीसीपी निशांत भारद्वाज ने बताया, “हमारी पुलिस टीमें मुख्य अभियुक्त की तलाश में जुटी हुई हैं और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा”. उन्होंने ये भी कहा, “परिवार की सहमति न होने के कारण अब तक पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है.”

पूरा मामला सामने कैसे आया?

सरदारपुरा थाना क्षेत्र में अपने परिवार के साथ रहने वाली 50 वर्षीय अनीता चौधरी बी.रोड पर मौजूद अग्रवाल टावर में ब्यूटी पार्लर चलाती थीं. साथ ही वो प्रॉपर्टी का काम भी करती थीं.

अनीता के पति मनमोहन चौधरी बताते हैं, “27 अक्टूबर की दोपहर क़रीब दो बजे मेरी उनसे बात हुई थी. कुछ समय बाद अनीता की बहन का फ़ोन आया और उन्होंने कहा कि दीदी का फ़ोन बंद आ रहा है और वो दुकान पर भी नहीं हैं.”

मनमोहन बताते हैं कि जब वो दुकान पहुंचे तो अनीता वहां नहीं थीं. उनकी स्कूटर एक्टिवा बाहर खड़ी थी. पास के दुकानदार ने बताया कि अनीता दुकान खोलने के बाद दस मिनट में ही उन्हें एक्टिवा की चाबी देकर चली गई थीं.

मनमोहन ने अपने बेटे राहुल को बुलाया और अनीता की तलाश शुरू की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.

जोधपुर पश्चिम के डीसीपी राजर्षि राज वर्मा के अनुसार, “28 अक्टूबर की सुबह अनीता चौधरी के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई.”

वो बताते हैं कि सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से पता चला कि अनीता अपनी इच्छा से एक ऑटो में बैठकर गंगाणा इलाके़ के बोरनाडा में एक घर तक गई थीं.

मनमोहन चौधरी का कहना है कि ऑटो से जिस घर तक वो पहुंची थीं, वो ग़ुलामुद्दीन का घर था. ग़ुलामुद्दीन की ड्राई क्लीनर की दुकान उनके ब्यूटी पार्लर के सामने ही है.

ज़मीन के नीचे दफ़न किया शव

जब पुलिस को मुख्य अभियुक्त ग़ुलामुद्दीन अपने घर पर नहीं मिला, तो डीसीपी राजर्षि राज वर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने उनकी पत्नी आबिदा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की.

डीसीपी वर्मा बताते हैं, “पूछताछ के दौरान आबिदा ने बताया कि गु़लामुद्दीन ने अनीता की हत्या कर उसके शव को ज़मीन के नीचे दफ़ना दिया था.”

आबिदा की निशानदेही पर पुलिस की एसएफ़एल टीम, डॉग स्क्वॉड और वरिष्ठ अधिकारी 30 अक्टूबर की शाम गु़लामुद्दीन के घर पहुंचे. घर के बाहर जेसीबी की मदद से खुदाई करने पर लगभग दस फ़ीट गहराई में शव बरामद हुआ.

सरदारपुरा थानाध्यक्ष और मामले के जांच अधिकारी दिलीप सिंह ने बताया, “शव छह टुकड़ों में मिला था.”

डीसीपी वर्मा ने कहा, “शव के टुकड़े दो बोरियों में पाए गए, जिन्हें सीज़ कर अस्पताल भेज दिया गया. चॉपर जैसे हथियार से घटना को अंजाम दिया गया, जिसे भी बरामद किया जाएगा.”

अनीता चौधरी के बेटे राहुल चौधरी ने मीडिया के सामने फूट-फूट कर रोते हुए कहा, “मम्मी उनको भाई की तरह मानती थीं और उन्होंने ही ऐसा कर दिया. मम्मी को बहुत बुरी तरह मारा गया, टुकड़े-टुकड़े कर दिए.”

हत्या के पीछे क्या कारण बताया?

अनीता चौधरी की निर्मम हत्या के पीछे क्या कारण थे, इस बारे में जांच अधिकारी दिलीप सिंह का कहना है, “ग़ुलामुद्दीन के पकड़ में आने के बाद ही स्पष्ट रूप से कारणों का खुलासा हो सकेगा. हालांकि, प्रारंभिक जांच में मामला लूट के इरादे का प्रतीत होता है.”

जोधपुर पश्चिम के डीसीपी वर्मा के अनुसार, “अब तक की जांच से ये सामने आया है कि ग़ुलामुद्दीन और उसकी पत्नी ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है. जब महिला उनके घर पहुंची, तो उसे शरबत में कुछ दवा मिलाकर पिलाई गई थी.”

पुलिस का मानना है कि अभियुक्त का उद्देश्य महिला के पास मौजूद कैश और गहने लूटकर अपना कर्ज़ चुकाना था, लेकिन इस दौरान महिला की मृत्यु हो गई.

डीसीपी वर्मा बताते हैं, “ग़ुलामुद्दीन ने बैंक से लोन लेकर बोरनाडा इलाके़ में एक घर खरीदा था और वो सट्टा खेलने का भी आदी था. इस कारण उस पर कर्ज़ बढ़ता जा रहा था. महिला और ग़ुलामुद्दीन की दुकानें आसपास थीं, इस कारण दोनों परिचित थे. कॉल डिटेल्स से भी ये पता चलता है कि उनके बीच बातचीत होती थी.”

शव मिलने के बाद से पुलिस टीमें ग़ुलामुद्दीन और उसके सहयोगियों की तलाश में जुटी हुई हैं.

अब तक 18 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है. वहीं आबिदा को पुलिस ने रिमांड पर ले लिया है.

धरने पर बैठे परिजन

30 अक्टूबर की रात अनीता का शव बरामद होने के बाद से ही उसका पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका है. तीन दिनों से अनीता चौधरी का शव जोधपुर एम्स अस्पताल की मोर्चरी में रखा हुआ है.

घटना के बाद से स्थानीय लोगों में रोष है. जाट समाज और स्थानीय लोग मुख्य अभियुक्त ग़ुलामुद्दीन की गिरफ़्तारी और परिवार के लिए आर्थिक मुआवजे़ की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं.

धरने में शामिल विजय चौधरी मृतका अनीता के भाई हैं. वो अभियुक्त की गिरफ़्तारी की मांग करते हुए कहते हैं, “मैं बहुत दुखी हूं. बीते पंद्रह दिन में मेरी दो बहनें नहीं रहीं. एक बहन कैंसर के कारण नहीं रहीं और अब अनीता चौधरी भी नहीं रहीं.”

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख और जाट नेता हनुमान बेनीवाल ने राज्य की भाजपा सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “अनीता चौधरी की निर्मम हत्या के प्रकरण में मृतका के परिजनों को न्याय दिलवाने के लिए राजस्थान की भाजपा सरकार संवेदनशीलता नहीं दिखा रही है.”

उन्होंने लिखा, “मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी पीड़ित परिवार की जाति देखकर न्याय करने की बात करते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. मृतका जाट समाज की है, इसलिए सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही है.”

हनुमान बेनीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से जोधपुर पहुंचने की अपील की है और इस मामले की सीबीआई जांच की मांग भी की है.

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मोहर सिंह मीणा
पदनाम,जयपुर से, बीबीसी हिंदी के लिए