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जैसे ही अल-जवाहिरी बालकनी पर दिखा अमेरिका ने ड्रोन से मिसाइल दाग़ दी, जवाहिरी के ख़ात्मे की पूरी दास्तान जानिये!

अफगानिस्तान का काबुल शहर और यहां का शेरपुर इलाका। शहर के पॉश इलाकों में से एक है। एक के बाद एक लोगों के घर हैं। यहीं रहता था अलकायदा का प्रमुख अल-जवाहिरी। ये वही अल-जवाहिरी था जिसने अमेरिका की सबसे ऊंची इमारत वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को उड़ाने में ओसामा बिन लादेन का साथ दिया था।

रविवार की तड़के सुबह 6.18 बज रहे थे। तब अमेरिका में रात के 9 बजकर 48 मिनट हो रहे थे। काबुल में सोकर उठने के बाद जवाहिरी टहलने के लिए अपनी छत के बालकनी पर निकला। अमेरिका की सबसे मजबूत और तेज तर्रार सीआईए के जवान घात लगाकर उसका इंतजार कर रहे थे। जैसे ही जवाहिरी बालकनी पर दिखा अमेरिका ने ड्रोन से हेलफायर मिसाइल दाग दी।

मिसाइल सीधे जवाहिरी को लगी। हेलफायर मिसाइल में विस्फोटक के बजाय 6 रेजर जैसे ब्लेड लगी होती हैं जो टारगेट के टुकड़े-टुकड़े कर देती हैं। अमेरिकी जवानों ने इस दौरान इस बात का ख्याल रखा कि इस मिशन में किसी और को कोई नुकसान न पहुंचे।

जनवरी से ही पूरे परिवार को ट्रैक कर रहा था अमेरिका

इस साल जनवरी में अमेरिकी खुफिया सूत्रों को पता चला कि अल-जवाहिरी की पत्नी, बेटी और पोते काबुल के एक घर में शिफ्ट हुए हैं। इसके बाद से अमेरिकी जासूस उनके पीछे लग गए। अप्रैल में अमेरिकी सूत्रों को यह साफ हो गया कि काबुल के उसी घर में अल-जवाहिरी भी रहता है। कई तरह से इस जानकारी को अमेरिकी अफसरों ने कंफर्म किया। काबुल में स्थित शेरपुर का ये इलाका काफी पॉश है। ये अफगान डिफेंस मिनिस्ट्री के अंतर्गत आता है। यहां अफगानिस्तान के बड़े अफसरों के घर हैं। कहा तो यहां तक जाता है कि इसी इलाके में तालिबानी गृह मंत्री और कुख्यात आतंकी सिराजुद्दीन हक्कानी भी रहता है।

फिर क्या हुआ?

जब अमेरिकी अधिकारियों को पूरी तरह विश्वास हो गया कि काबुल स्थित उस घर में अल-जवाहिरी रहता है तो अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की।

इस बीच, सीआईए ने जवाहिरी के घर के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। घर कैसे बना है। वहां पर आने-जाने के कितने रास्ते हैं। कितने कमरे हैं। जवाहिरी किस कमरे में रहता है। इसके बाद सीआईए ने राष्ट्रपति जो बाइडन को फिर से इसकी ब्रिफिंग दी। पूरी तरह से सबकुछ पुख्ता हो जाने के बाद बाइडेन ने कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक की और पूरे मिशन के बारे में जानकारी दी और तय किया कि ओसामा बिन लादेन की तरह ही जवाहिरी को भी मार गिराया जाएगा।

फिर अमेरिका ने बनाया प्लान

पूरी जिम्मेदारी सीआईए को दी गई। एक जुलाई को सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में जो बाइडन व अन्य कैबिनेट सदस्यों को प्रस्तावित ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बाइडन ने मिशन के बारे में, उसकी सफलता, ऑपरेशन को अंजाम देने के तरीके के बारे में जानकारी ली। इस दौरान अल-जवाहिरी के घर का मॉडल भी बाइडन को दिखाया गया। एक डेमो करके दिखाया गया कि कैसे जवाहिरी को मारना है।

इसके बाद कानूनी स्तर पर भी इस मिशन के बारे में जानकारी ली गई और वरिष्ठ वकीलों को खुफिया रिपोर्ट की जानकारी दी गई। 25 जुलाई को इस मिशन को अंजाम देने के लिए अंतिम बैठक हुई। इसमें राष्ट्रपति जो बाइडन ने सटीक ड्रोन हमले (जिसमें नागरिकों को कम से कम नुकसान हो) की अनुमति दी। 31 जुलाई, रविवार को सीआईए को अल-जवाहिरी घर की बालकनी में दिखा। इसके बाद ड्रोन से हमला कर उसे मार गिराया गया।

मारने के बाद 48 घंटे तक किसी को बताया क्यों नहीं?

हमने ये समझने के लिए विदेश मामलों के जानकार डॉ. आदित्य पटेल से बात की। उन्होंने कहा, ‘ड्रोन से हमला करना अमेरिका का बड़ा प्लान था। अफगानिस्तान से सेना हटाने के बाद से अमेरिका की क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे थे। कहा जाने लगा था कि अमेरिका अब कमजोर हो रहा है। यही कारण है कि जब जवाहिरी का ठिकाना बाइडेन को मिला तो बिना देर किया उन्होंने उसे मारने का प्लान बना लिया।’

आदित्य आगे कहते हैं, ‘चूंकि ये मिशन बहुत बड़ा था। ऐसे में बाइडेन सरकार किसी तरह की चूक नहीं चाहती थी। भले ही उन्होंने ड्रोन हमले में जवाहिरी को रविवार की सुबह ही मार दिया, लेकिन अमेरिकी अफसर हर हाल में इसे पुख्ता करना चाहते थे कि मरने वाला जवाहिरी ही है न। इसके लिए लगातार अमेरिकी खुफिया सूत्र काबुल में लगे रहे। जब ये पुख्ता हो गया कि मरने वाला जवाहिरी ही है, तब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन मीडिया के सामने आए। इसके पहले वह 48 घंटे तक अपने इस ऑपरेशन की सफलता को और अधिक पुख्ता करना चाहते थे। इसके अलावा यह भी देखना चाहते थे कि ऑपरेशन के बाद अफागनिस्तान का क्या रिएक्शन आता है।’

CIA की सीक्रेट मीटिंग में बना था खात्मे का प्लान

अल-जवाहिरी की मौत अलकायदा के लिए ओसामा-बिन-लादेन के बाद दूसरा सबसे बड़ा झटका है। अमेरिका ने जिस तरह से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है। ठीक ऐसे ही अमेरिका ने ओसामा-बिन-लादेन को भी पाकिस्तान में मार गिराया था। बिंदुवार समझते हैं कि अल-जवाहिरी को मार गिराने के लिए कैसे चला बैठकों का दौर, 01 जुलाई को सीआइए अधिकारियों के साथ बाइडन की बैठक में क्या-क्या तय हुआ था?

अमेरिका को शक था कि जवाहिरी या तो पाकिस्तान के कबायली इलाके या फिर अफगानिस्तान में छिपा हुआ है।
पिछले कई सालों से अमेरिकी सरकार को एक ऐसे आतंकी नेटवर्क के बारे में जानकारी मिल रही थी, जिसका समर्थन अल-जवाहिरी कर रहा था।
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसी को काबुल में अलकायदा की उपस्थिति के संकेत व सबूत मिल रहे थे।

इसी साल अमेरिकी अधिकारियों को पता चला कि जवाहिरी की पत्नी व बच्चे काबुल स्थित एक घर में रहते हैं। इसी जगह पर जवाहिरी के होने की पहचान की गई।

अगले कुछ महीनों में सुरक्षा अधिकारियों ने इस बात को और पक्का किया कि पहचान किया जाने वाला शख्स अलकायदा चीफ अल-जवाहिरी ही है।

इसके बाद अप्रैल से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को इस पूरे मामले की ब्रीफिंग शुरू कर दी गई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी जानकारी दी।

सीआईए ने जवाहिरी के घर के बारे में जानकारी जुटाना शुरू कर दी। घर कैसे बना है। वहां पर आने-जाने के कितने रास्ते हैं। इसकी विस्तृत जानकारी इकट्ठा की गई। जिससे मिशन को अंजाम देते वक्त जवाहिरी के परिवार व अन्य नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे।
राष्ट्रपति जो बाइडन ने कैबिनेट सदस्यों के साथ बैठक की और पूरे मिशन के बारे में जानकारी दी।

1 जुलाई को सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने व्हाइट हाउस सिचुएशन रूम में जो बाइडन व अन्य कैबिनेट सदस्यों को प्रस्तावित ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी। इस दौरान बाइडन ने मिशन के बारे में, उसकी सफलता, ऑपरेशन को अंजाम देने के तरीके के बारे में जानकारी ली। इस दौरान अल-जवाहिरी के घर का मॉडल भी बाइडन को दिखाया गया।

इसके बाद कानूनी स्तर पर भी इस मिशन के बारे में जानकारी ली गई और वरिष्ठ वकीलों को खुफिया रिपोर्ट की जानकारी दी गई।

25 जुलाई को इस मिशन को अंजाम देने के लिए अंतिम बैठक हुई। इसमें राष्ट्रपति जो बाइडन ने सटीक ड्रोन हमले(जिसमें नागरिकों को कम से कम नुकसान हो) की अनुमति दी।

31 जुलाई, रविवार को सीआईए को अल-जवाहिरी घर की बालकनी में दिखा। इसके बाद ड्रोन से हमला कर उसे मार गिराया गया।

जवाहिरी से भी खूंखार है अलकायदा का उत्तराधिकारी

ओसामा-बिन-लादेन की मौत के बाद अल-जवाहिरी अलकायदा की गद्दी पर बैठा था। अब उसकी भी मौत के बाद यह चर्चा तेज हो गई है कि इस आतंक की फैक्टरी अलकायदा का अगला चीफ कौन होगा। यूं तो इस आतंकी संगठन के पास खूंखार आतंकियों की कमी नहीं है, लेकिन ऐसा आतंकी भी है, जो अब इस संगठन के उत्तराधिकारियों की लिस्ट में सबसे ऊपर है।

अलकायदा के उत्तराधिकारियों में सैफ अल-अदेल का नाम चर्चा में है। अल-अदेल अलकायदा के संस्थापक सदस्यों में से एक है और संगठन में इसकी तूती भी बोलती है। जानकारी के मुताबिक, अल-अदेल ओसामा-बिन-लादेन और अल-जवाहिरी का करीबी भी माना जाता है। हालांकि, उसके बारे में बहुत कम ही जानकारी दुनिया के सामने आ पाई है। माना जाता है 9/11 आतंकी हमले में इसका भी हाथ था।

खुद को कहता है न्याय की तलवार
अल अदेल आतंक की दुनिया का पुराना नाम है। वह मिश्र की सेना का पूर्व अधिकारी रह चुका है। वह खुद को ‘स्वॉर्ड ऑफ जस्टिस'(न्याय की तलवार) भी कहता है। अल-अदेल इतना खूंखार है कि एफबीआई ने उसे मोस्ट वांटेट की सूची में शामिल किया है और उसके सिर पर 10 मिलियन का इनाम भी है। अब इसे ही अलकायदा का अगला उत्तराधिकारी माना जा रहा है। 1980 के दशक के अंत में वह आतंकवादी समूह मकतब अल-खिदामत में शामिल हो गया था।

30 की उम्र में फैलाई थी दहशत
अल-अदेल जब 30 वर्ष का था, तभी उसने सोमालिया के मोगादिशु में 1993 के कुख्यात ‘ब्लैक हॉक डाउन’ ऑपरेशन को अंजाम दिया था। इस ऑपरेशन में 19 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। इसके बाद सैनिकों के शवों को सड़क पर घसीटा गया था। 2011 में ओसामा बिन लादेन की हत्या के बाद से, अल-अदेल अलकायदा के भीतर एक महत्वपूर्ण रणनीतिकार बन गया।

Rep. Elissa Slotkin
@RepSlotkin

The news of the successful hit on Ayman al-Zawahiri stopped me in my tracks. He was one of the masterminds of 9/11, the attacks on the USS Cole & our embassies in Kenya & Tanzania, and supported al Qaeda as they targeted many others across the globe. But tonight, he is gone. 1/

Jo 🌻
@JoJoFromJerz

BREAKING: The United States has killed al Qaeda leader Ayman al-Zawahiri, Osama Bin Laden’s replacement.

I’m just glad Biden killed him before trump could invite him to play golf.

Al-Qaeda leader Ayman al-Zawahiri killed in US drone strike
US President Joe Biden announced on Monday that a CIA drone strike killed al-Qaeda leader Ayman al-Zawahiri in Afghanistan. Al-Zawahiri began to lead the group following the 2011 killing of Osama bin Laden and was considered one of the “masterminds” behind the September 11 attacks, according to DW and Al Jazeera. Biden said there were no civilian casualties reported in the operation. Keep up here for the latest updates.