देश

जेएनयू ने धरना प्रदर्शन से संबंधित विवादास्पद अनुशासन नियमों को वापस ले लिया!

नयी दिल्ली, एक मार्च (भाषा) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के नए नियमों के अनुसार, परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जा सकता है या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।.

दस पन्नों के ‘जेएनयू के छात्रों के लिए अनुशासन के नियम और उचित आचरण’ में विरोध प्रदर्शन और जालसाजी जैसे विभिन्न कार्यों के लिए सजा निर्धारित की गई है और अनुशासन का उल्लंघन करने संबंधी जांच प्रक्रिया का जिक्र किया गया है।


दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के वीसी ने धरना प्रदर्शन से संबंधित विवादास्पद अनुशासन नियमों को गुरुवार को वापस ले लिया.

बीते 28 फ़रवरी को जेएनयू प्रशासन ने एक अधिसूचना जारी करते हुए कैंपस के अंदर अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े नियम लागू करने का नोटिस जारी किया था.

इससे पहले नए नियमों में भूख हड़ताल करने पर 20,000 रुपये और आपत्तिजनक व्यवहार पर 50,000 रुपये ज़ुर्माना का प्रावधान किया गया था.

कैंपस में अनुशासन के नियमों में बदलाव करते हुए यूनिवर्सिटी ने पांच हज़ार से पचास हज़ार रुपये के भारी भरकम जुर्माने का प्रावधान किया था.

इन नियमों को एक्ज़ीक्युटिव काउंसिल की ओर से भी मंज़ूरी मिल गई थी. छात्रों और शिक्षकों की ओर से नए नियमों की तीखी आलोचना की जा रही थी.

अब इस नोटिफ़िकेशन को वापस ले लिया गया है.