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जी-20 सम्मेलन : मोदी ने कहा-कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई और यूक्रेन युद्ध के कारण गहरी हुई दुनिया में विश्वास की कमी!

शनिवार को भारत की राजधानी नई दिल्ली में जी-20 का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन आरंभ हुआ।

नई दिल्ली में आयोजित होने वाले गुट-20 के शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के अतिरिक्त बांग्लादेश, मिस्र, नाइजीरिया, हालैण्ड, स्पेन, ओमान, सिंगापुर और संयुक्त अरब इमारात के राष्ट्राध्यक्षों को भी इस सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया गया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि इस सम्मेलन में भाग लेने वाले सारे ही देश पूरे विश्व में शांति की स्थापना के लिए प्रयास करेंगे। इस सम्मेलन के लिए विदेशी मेहमानों का आना शुक्रवार से आरंभ हो गया था।

रूस और चीन के राष्ट्राध्यक्ष गुट-20 के शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। विलादिमीन पुतीन के स्थान पर रूस के विदेशमंत्री सरगेई लावरोव और शी जिनपिंग के स्थान पर चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग इस बैठक में भाग लेंगे।

रविवार की रात 10 सितंबर को गुट-20 की ओर से संयुक्त घोषणापत्र जारी किया जाएगा। दूसरी ओर रूस के विदेशमंत्री सरगेई लावरोफ ने कहा है कि गुट-20 का घोषणापत्र अगर रूस के दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करने वाला नहीं हुआ तो मास्को उससे अपनी सहमति नहीं जताएगा।

उधर अफ्रीकन यूनियन को गुट-20 के शिखर सम्मेलन में स्थाई सदस्यता मिल गई है जिसकी घोषणा भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही है। अफ्रीकी संघ मेंं 55 देश शामिल हैं।


यूक्रेन युद्ध ने विश्वास की कमी को गहरा कियाः भारतीय प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 नेताओं को संबोधित करते हुए शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई और यूक्रेन युद्ध के कारण गहरी हुई दुनिया में विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील किया जाना चाहिए।

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 समूह में शामिल किए जाने की घोषणा की। जी20 की 1999 में स्थापना किए जाने के बाद इसका पहली बार विस्तार किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता देश के भीतर और बाहर समावेशिता का प्रतीक बन गई है। उन्होंने कहा कि यह वैश्विक कल्याण के लिए सभी के एक-साथ मिलकर चलने का समय है। मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन का आरंभ करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत मोरक्को में आए भीषण भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करके की। उन्होंने कहा कि मुश्किल की इस घड़ी में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ है और हम उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए तैयार हैं।

जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा समेत कई नेता हिस्सा ले रहे हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब शिखर सम्मेलन को संबोधित किया तो उस समय उनके सामने रखी नाम पट्टिका पर भारत लिखा था।

मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ का जी20 में स्वागत करते हुए कहा कि यह कदम इस समूह को और समावेशी बनाएगा। उन्होंने कहा कि मैं जी20 परिवार के स्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ का स्वागत करते हुए सम्मानित महसूस कर रहा हूं। इससे जी20 मजबूत होगा और ‘ग्लोबल साउथ’ की आवाज भी मजबूत होगी।

अफ्रीकी संघ के जी20 का स्थायी सदस्य बनते ही दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के बाद वैश्विक पुनर्निर्माण ने कार्बन का कम उत्सर्जन करने वाले माध्यम अपनाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए लचीले बनने और सतत समाज बनने की गति तेज करने का अनूठा अवसर दिया है।