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जी-20 सम्मेलन ने बढ़ते मतभेदों के बीच बुनियादी एकजुटता प्रदर्शित की : चीनी सरकारी अख़बार ‘ग्लोबल टाइम्स’

भारत में हुए जी-20 सम्मेलन पर चीन का बयान आया है.

चीन ने कहा है कि इस सम्मेलन ने ये सकारात्मक संदेश दिया है कि यह प्रभावशाली समूह दुनिया की चुनौतियों को सामना करने और आर्थिक रिकवरी के लिए मिलकर काम कर रहा है.

जी 20 सम्मेलन के नतीजों पर पहली बार चीन का बयान आया है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने जी 20 सम्मेलन के नतीजों की तारीफ की है.

चीनी विदेश मंत्री की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि जी-20 सम्मेलन के लिए तैयारियों के क्रम में चीन ने भारत का सहयोग किया.

चीन ने इसमें हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाई है.

उन्होंने कहा, “इसमें विकासशील देशों की चिंताओं को अहमियत देने और साझा विकास के लिए उठाए गए कदमों के लिए चीन ने इसका समर्थन किया है.”

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जी-20 सम्मेलन के लिए दिल्ली आना था लेकिन आख़िरी वक़्त पर उन्होंने प्रधानमंत्री ली कियांग को इसमें हिस्सा लेने के लिए भेजा.

भारत को जी-20 सम्मेलन के घोषणापत्र पर सहमति का श्रेय

इंडोनेशिया में पिछले साल हुए जी-20 सम्मेलन में पश्चिमी देश और रूस-चीन असहमति दिखी थी. इस सम्मेलन में यूक्रेन पर हमले के लिए रूस की भूमिका की निंदा की गई थी.

लेकिन इस जी-20 सम्मेलन के घोषणापत्र पर सदस्य देशों के बीच सहमति का श्रेय भारत को मिल रहा है. नई दिल्ली घोषणापत्र को भारत की कूटनीतिक जीत और बढ़ते हुए वैश्विक प्रभाव के रूप में देखा जा रहा है.

नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को हुए सम्मेलन के दौैरान अमेरिका समेत की देशों से भारत की द्विपक्षीय बातचीत भी हुई.

चीन के सरकारी अख़बार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने भी अपने लेख में कहा है कि जी-20 सम्मेलन ने बढ़ते मतभेदों के बीच बुनियादी एकजुटता प्रदर्शित की है.

‘ग्लोबल टाइम्स’ ने लिखा है,”दिल्ली में संपन्न हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में अंततः साझा बयान स्वीकार कर लिया गया जिसमें बहुत बुनियादी एकजुटता और यूक्रेन युद्ध को लेकर तटस्थ नज़रिया है.”