कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को सरकार पर आरोप लगाया कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर और झुग्गियों को ढक रही है या ध्वस्त कर रही है। आवारा जानवरों को बंद कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे मेहमानों से भारत की हकीकत को छिपाने की कोई जरूरत नहीं है।
पार्टी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें झुग्गियों को हरी चादरों से ढका हुआ दिखाया गया है। दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेता भाग ले रहे हैं।
भारत की हकीकत छिपाने की जरूरत नहीं: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने ट्विटर एक पोस्ट में कहा, भारत सरकार हमारे गरीब लोगों और जानवरों को छिपा रही है। हमारे मेहमानों से भारत की हकीकत को छिपाने की कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष वर्तमान में विदेश दौरे पर हैं।
जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘जी-20 का उद्देश्य विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की एक उत्पादक सभा होना है, जिसका मकसद वैश्विक समस्याओं से सहयोगात्मक तरीके से निपटना है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘राष्ट्रपित व्लादिमीर पुतिन भले ही इससे दूर हों, लेकिन प्रिंस प्रोटेमकिन (रूसी सैन्य शासक) झुग्गियों को या तो ढककर रख रहे हैं या उन्हें ध्वस्त कर दिया गया है, जिससे हजारों लोग बेघर हो गए हैं। प्रधानमंत्री की छवि को बचाने के लिए आवारा पशुओं को बेरहमी से पकड़ा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।’
पार्टी ने जारी किए वीडियो
विपक्षी दल ने झुग्गियों को ढंकने के वीडियो के अलावा जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले आवारा कुत्तों और जानवरों के प्रति क्रूरता के वीडियो साझा किए। कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो में एक झुग्गी निवासी ने कहा, सरकार हमें कीड़े मानती है। क्या हम इंसान नहीं हैं। पार्टी ने एक्स पर कहा, जी-20 से पहले मोदी सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए उनके घरों को पर्दे से ढक दिया है, क्योंकि राजा गरीबों से नफरत करता है।
बेजुबान जानवरों से की गई क्रूरता: कांग्रेस
कांग्रेस ट्वीट किया, ‘जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी के दौरान मोदी सरकार द्वारा सड़क पर बेगुनाह कुत्तों के साथ की गई क्रूरता को देखने के लिए यह वीडियो देखें।’ उन्होंने कहा, ‘कुत्तों को उनकी गर्दन से घसीटा जा रहा है, डंडों से पीटा जा रहा है और पिंजरों में डाला जा रहा है। उन्हें भोजन और पानी से वंचित किया जा रहा है, और उन्हें अत्यधिक तनाव और भय के अधीन किया जा रहा है।’ विपक्षी दल ने कहा, ‘यह जरूरी है कि हम इस तरह के भयावह कृत्यों के खिलाफ आवाज उठाएं और इन बेजुबान पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करें।’