दुनिया

जिस देश का ”नेता” ही चोर हो, तो उस देश का हाल क्या होगा?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प को अरबों कमाकर देने वाली उनकी खानदानी रिएल एस्टेट कंपनी ‘द ट्रम्प ऑर्गेनाइज़ेशन’ और इससे जुड़ी दो अन्य कंपनियों को टैक्स फ्रॉड समेत कई अपराधों का दोषी पाया गया है।

न्यूयॉर्क कोर्ट की ज्यूरी ने शुक्रवार को डोनल्ड ट्रम्प के फैमिली बिजनेस पर टैक्स फ्रॉड करने के लिए अधिकतम 1.6 मिलियन डॉलर यानी क़रीब 130 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। बेशक यह जुर्माना अरबपति रियल एस्टेट डेवलपर के लिए मामूली है, लेकिन प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है। क्योंकि व्हाइट हाउस में दोबारा लौटने की उम्मीद कर रहे ट्रम्प फिर से क़ानूनी संकटों में फंस सकते हैं। ट्रम्प कॉर्पोरेशन और ट्रम्प पेरोल कॉर्प, ‘द ट्रम्प ऑर्गेनाइज़ेशन’ की संस्थाएं हैं। दोनों कंपनियों को पिछले महीने झूठे बिजनेस रिकॉर्ड के ज़रिये टैक्स चोरी करने की मंशा से प्लॉटिंग करने का दोषी पाया गया था। लगभग एक महीने तक चली सुनवाई में ज्यूरी ने ट्रम्प की कंपनियों को 17 मामलों में दोषी क़रार दिया था। हालांकि, डोनल्ड ट्रम्प पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था, लेकिन ज्यूरी के फ़ैसले ने उनकी इमेज और रुतबे को नुक़सान ज़रूर पहुंचाया है। क्योंकि, ट्रम्प ने साल 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ़ से नॉमिनेशन की मांग की थी।


मैनहैटन की कोर्ट ने ‘द ट्रम्प ऑर्गेनाइज़ेशन’ पर लगे टैक्स चोरी समेत कई आरोपों को सही पाया है। कोर्ट ने अपने निर्णय में बताया कि कंपनी ने कई अधिकारियों को मिले लग्ज़री अपार्टमेंट, मर्सीडीज़ बेंज़ और क्रिसमस के लिए एक्सट्रा कैश के माध्यम से टैक्स चोरी कराने में मदद की गई है। इससे पहले ज्यूरी ने ट्रम्प की कंपनी को बिजनेस फ्रॉड का भी दोषी माना है, जिसके लिए उस पर 13 हज़ार करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाई गई थी। ‘द ट्रम्प ऑर्गनाइज़ेशन’ को वर्तमान में डोनल्ड ट्रम्प के दो बेटे डोनल्ड जूनियर और एरिक हैंडल कर रहे हैं। आरोप है कि दोनों ने 2005 और 2021 के बीच टॉप ऑफिसर्स को दिए गए मुआवज़े को छिपा दिया था। इस घोटाले में उनका साथ देने के लिए सीएफओ एलन वीसेलबर्ग को मंगलवार को पांच महीने की जेल की सज़ा सुनाई गई है। साथ ही 2 मिलियन डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। इस बीच सोशल मीडिया पर ट्रम्प की कंपनियों द्वारा की गई चोरी को लेकर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई है। ज़्यादातर लोगों का कहना है कि जिस देश का राष्ट्रपति चो हो तो फिर उस देश का क्या हाल होगा वह ऊपर ही वाला जाने। वहीं कुछ यूज़र्स का कहना है कि दुनिया में अमेरिका का नाम जितना बड़ा है उतना ही उस देश द्वारा किए जाने वाले काम छोटे हैं।