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जाफ़र एक्सप्रेस हाजेकिंग : पाकिस्तान ने भारत का हाथ होने का आरोप लगाया, भारत का पलटवार : देखें क्या कहा पाकिस्तान ने

भारत ने बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक की घटना को लेकर पाकिस्तान की ओर से दिए बयान पर कड़ा जवाब दिया है. पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि वहां होने वाले आतंकवादी हमले में भारत का हाथ होता है.

पाकिस्तान में बलोच चरमपंथियों ने 11 मार्च को क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया था और यह हाईजैक कई घंटों तक चला था. पाकिस्तान सरकार ने ट्रेन हाईजैक में अपनी सुरक्षा में चूक से बचने के लिए अफगानिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था.

गुरुवार, 13 मार्च को पत्रकार वार्ता के दौरान, पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने हाईजैक के संबंध में अफगानिस्तान से की गई कॉल के सबूत पेश किए. जब ​​उनसे आतंकवादी हमलों के संबंध में भारत से अफगानिस्तान की ओर पाकिस्तान के रुख में बदलाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपनी स्थिति को बनाए रखा.

उन्होंने कहा, “हम अफगानिस्तान से आग्रह करते हैं कि वह आतंकवाद के इस निंदनीय कृत्य के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों को जवाबदेह ठहराए और आतंकवाद के वास्तविक प्रायोजकों समेत इस हमले से जुड़े सभी लोगों को न्याय के दायरे में लाने के लिए पाकिस्तान सरकार के साथ सहयोग करे.”

पाकिस्तान के आरोप
खान ने भारत पर अपनी सीमा के भीतर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया, खासतौर पर जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले का हवाला देते हुए. खान ने हमले में भारत पर संलिप्तता का आरोप लगाया. साथ ही अफगानिस्तान स्थित हैंडलर्स के साथ सीमा पार समन्वय की ओर भी इशारा किया.

पत्रकारों से खान ने कहा, “भारत, पाकिस्तान में आतंकवाद में शामिल रहा है. जाफर एक्सप्रेस पर हुए हमले में आतंकवादी अफगानिस्तान में अपने आकाओं और सरगनाओं के संपर्क में थे.”

भारत का पलटवार
पाकिस्तान की ओर से की गई टिप्पणियों पर मीडिया के सवालों के जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हम पाकिस्तान द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों को दृढ़ता से खारिज करते हैं. पूरी दुनिया जानती है कि वैश्विक आतंकवाद का केंद्र कहां है. पाकिस्तान को अपनी आंतरिक समस्याओं और विफलताओं के लिए दूसरों पर उंगली उठाने और दोष मढ़ने के बजाय अपने अंदर झांकना चाहिए.”

भारतीय विदेश मंत्रालय का यह बयान पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के इस दावे के बाद आया है कि उन्होंने जाफर एक्सप्रेस का अपहरण करने वाले सभी 33 बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों को मार गिराया है, जिसमें 425 से अधिक यात्री सवार थे.

हालांकि, पाकिस्तानी सेना ने कथित “सफल ऑपरेशन” की कोई तस्वीर या वीडियो जारी नहीं किया है. विद्रोही बीएलए ने दावा किया कि आईएसपीआर हार को छिपा रही है.

एक और सवाल के जवाब में खान ने आरोप लगाया कि भारत अपने पड़ोसी देशों को अस्थिर करने का प्रयास कर रहा है और वैश्विक स्तर पर हत्या अभियान चला रहा है. उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश, हमारे क्षेत्र में शांति के खिलाफ कई ताकतें हैं जो नहीं चाहतीं कि पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी और शांतिपूर्ण क्षेत्र के निर्माण में अपने अभूतपूर्व और ईमानदार कोशिशों का फायदा मिले.”

इस बीच, अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया और उनसे निराधार आरोप लगाने के बजाय अपनी आंतरिक सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान देने को कहा है.

11 मार्च को जाफर एक्सप्रेस पर बीएलए के चरमपंथियों ने हमला किया था, क्वेटा से पेशावर जा रही ट्रेन में 425 से अधिक यात्री सवार थे. हाईजैक के दौरान चरमपंथियों ने 21 यात्री और चार अर्धसैनिक बलों के जवानों की हत्या कर दी थी. वहीं ऑपरेशन के दौरान बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के 33 चरमपंथी मारे गए थे.

क्या है बलोच लिबरेशन आर्मी
बलोच लिबरेशन आर्मी 1964 से सक्रिय एक अलगाववादी संगठन है और पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के दक्षिण-पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान से सटी सीमा पर सक्रिय है. साल 2000 में पाकिस्तानी अधिकारियों पर हमले के बाद से चर्चा में आए इस संगठन की मांग है कि बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश का दर्जा दिया जाए. 2004 से बलोच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तानी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं.

बीएलए को पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में काफी समर्थन है हालांकि संगठन अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है. बीएलए उन कई समूहों में सबसे बड़ा है जो दशकों से सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं और उनका कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है.

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आमिर अंसारी

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