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रात को गुलज़ार हो जाती है गली….By-जयचंद प्रजापति
जयचंद प्रजापति ========== · रात को गुलज़ार हो जाती है गली ……………. दिन मे कोई नही आता इस गली में। सूनी रहती है। कोई हलचल नहीं। आवारा गाय और कुत्ते अक्सर इस गली में आकर बिना डर भय के आराम करते हैं। रात होते ही यह गली गुलजार हो जाती है। चहल कदमी बेफिक्री से। […]
दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं….by-kiransingh
अयोध्या की किरन ================== दर्द लिखना चाहती हूं तो अल्फ़ाज़ मर जाते हैं। कलम ही नहीं चलती तो कागज बिखर जाते हैं। शब्दों का कसूर ही क्या जो वही गुनहगार हुआ। जिसका इंतजार था मतलब वही इंतजार हुआ। निगाहें बदल जाती हैं मगर तस्वीर नहीं बदलती। किस्मत बदल गई है मगर तकदीर नहीं बदलती। मेरी […]
इसको मेहनत नहीं रिश्वत कहते हैं….इसलिए मैंनें रुपए नहीं लिए”
*रिश्वत* डॉ० अशोक एक डिग्री कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर थे। वे स्टूडेंट्स को हिंदी में पीएचडी करवाने व पीएचडी के लिए शोध विषय चुनने में मदद करते थे। वे एक स्थानीय समाचार पत्र के भी सम्पादक थे। नितिन उनके ऑफिस में समाचार पत्र के एडिटर के तौर पर कार्य करता था। नितिन को अशोक […]