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मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में…. शक़ील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें
Shakeel Sikandrabadi =============== ग़ज़ल मेरी गुफ्तार सदाक़त का बयाँ ठहरी है मेरी हर बात यूँ ज़ालिम को गिराँ ठहरी है हाए ये कैसा रहे इश्क़ में आया है मक़ाम बात करने लगीं आँखें तो ज़बाँ ठहरी है मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में ऐ ख़ुशी ये तो बता दे तू कहाँ ठहरी है […]
#तस्वीर_तेरी_दिल_में….By-मनस्वी अपर्णा
मनस्वी अपर्णा ======= #तस्वीर_तेरी_दिल_में इन दिनों facebook पर एक विशेष ढंग की आपत्ति जताई जा रही है, और वो है किसी भी post के साथ साझा की जा रही तस्वीर को लेकर…. कुछ समझदार लोग यह तर्क देते हैं कि post के साथ साझा की गई तस्वीर reach बढ़ाने या ज़्यादा likes और comments के […]
#दाग़_अच्छे_हैं….कमियों को भरने की यह प्रक्रिया हमारे दुख का कारण है!
मनस्वी अपर्णा =============== #दाग़_अच्छे_हैं मेरे एक पुराने मित्र हैं जो एक आईएएस अधिकारी हैं… उनके साथ मेरी मैत्री बिलकुल ही अप्रासंगिक सी है क्यूंकि हमारा background बिल्कुल जुदा है, फिर भी मित्रता है…. उन से अक्सर मैंने ज्योतिष physics और human anatomy पर काफी चर्चाएं की हैं, ज़ाहिरा तौर पर उनके पास किसी भी विषय […]