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ज़ायोनी बंधको के परिजनों का तेलअवीव में विशाल विरोध प्रदर्शन : ग़ज़्ज़ा की हातल से राष्ट्रसंघ बहुत दुखी है : रिपोर्ट

अपने बंधकों की स्वतंत्रता के लिए उनके परिजन नेतनयाहू और उसके मंत्रीमण्डल के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे हैं।

तेलअवीव में प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि उनके परिजनों को स्वतंत्र कराने में नेतनयाहू का मंत्रीमण्डल बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।

ज़ायोनी बंदियों के परिजन यह मानते हैं कि नेतनयाहू का मंत्रीमण्डल इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि उनके परिवार के सदस्यों को ग़ज़्ज़ा से तत्काल वापस लाने के लिए कार्यवाही की जानी चाहिए।

इससे पहले भी कई बार ज़ायोनी बंधकों के परिवार के सदस्य अपने रिश्तेदारों को आज़ाद कराने के लिए प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका मानना है कि नेतनयाहू और उसका मंत्रीमण्डल इस बारे में सीरियस नहीं है।

इसी बीच हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन क़स्साम ने शनिवार को बताया है कि ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी सेना की अंधाधुंध बमबारी में पांच ज़ायोनी बंधक मारे गए। हमास पहले भी एलान कर चुका है कि बंधकों की आज़ादी की पहली शर्त, ग़ज़्ज़ा पर बमबारी का रोका जाना है।

याद रहे कि ग़ज़्जा पर पिछले दो महीनों से अधिक समय से लगातार बमबारी करने के बावजूद अवैध ज़ायोनी शासन को अबतक अपना कोई एक लक्ष्य भी हासिल नहीं हो पाया है। अब वह विवश होकर फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधकर्ताओं के साथ वार्ता की ओर रुख़ कर रहा है।

ग़ज़्ज़ा की हातल से राष्ट्रसंघ भी है बहुत दुखी

ग़ज़्ज़ा को वर्तमान समय में एक बहुत ही गंभीर मानवीय त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है।

फ़िलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए काम करने वाली राष्ट्रसंघ की एजेन्सी UNRWA ने घोषणा की है कि ग़ज़्ज़ा की स्थति बहुत ही दयनीय हो चुकी है।

अनरवा के मीडिया प्रभारी जूलियट थोमस ने ग़ज़्ज़ा की वर्तमान स्थति को बहुत ही कष्टदायक बताया है। इस बारे में उनका कहना है कि ग़ज़्ज़ा की हालत लोगों को हिला देने वाली है। यहां की एक चौथाई जनता के पास खाने को कुछ भी नहीं है और वे भुखमरी का शिकार हैं।

उन्होंने बताया कि ग़ज़्ज़ा का तो पहले से ही परिवेष्टन जारी था अब हमलों के बाद वहां पर ज़रूरत की चीज़ों से ग़ज़्ज़ावासी वंचित हो चुके हैं। वहां पर भेजी जाने वाली मानवीय सहायता को उनतक पहुंचने नहीं दिया जा रहा है।

राष्ट्रसंघ की इस एजेन्सी के मीडिया प्रभारी कह रहे हैं कि ग़ज़्ज़ा के लोग बहुत ही थके हुए दिखाई दे रहे हैं। वे भय के वातावरण में जीवन गुज़ार रहे हैं। वहां पर ज़ायोनियों की ओर से हमले लगातार किये जा रहे हैं।

थोमस ने कहा कि इस समय ग़ज़्ज़ा को सबसे अधिक ज़रूरत एक स्थाई युद्ध विराम और मानवीय सहायता की है। ग़ज़्ज़ा की स्थति को लेकर इससे पहले भी अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से चेतावनी दी जाती रही है। ग़ज़्ज़ापर इस्राईल की बमबारी से वहां चारों ओर विनाश ही विनाश दिखाई दे रहा है। ज़ायोनियों के हमलों में अबतक 20 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनी वहां पर शहीद हो चुके हैं।